ग्रामीणों के रास्ते पर कब्जा कर रहा मां काली एलॉयज
रायगढ़। उद्योगों के कब्जे में सैकड़ों एकड़ सरकारी राजस्व भूमि और वन भूमि है। बिना आवंटन के ऐसी जमीनों पर अतिक्रमण है। ऐसा ही आरोप मां काली एलॉयज के संचालक राजेंद्र पोद्दार पर भी लगा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से की गई शिकायत में कहा है कि उद्योग द्वारा धरसा जमीन को घेरा जा रहा है, जो उनका रास्ता है। मंगलवार को पाली गांव के निवासी कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। उनका कहना है कि पाली गांव के शासकीय जमीन को मां काली एलॉयज के संचालक राजेंद्र पोद्दार ने कब्जा कर लिया है। भूमि शासकीय धरसा भूमि है जिस पर सालों से ग्रामवासी आवाजाही कर रहे हैं। उन्होंने शासकीय जमीन पर कब्जा करने एवं बाउंड्रीवॉल बनाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
ग्रामवासियों ने बताया कि दो-तीन दिन पहले से उस जमीन पर बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। पेड़-पौधों को भी काटा जा रहा है। इस पर ग्रामीणों ने आपत्ति की तो संचालक राजेंद्र पोद्दार दादागिरी करने लगा। गांववालों को धमकी भी दी जा रही है। कंपनी ने अगर वहां बाउंड्रीवॉल बना दी तो ग्रामीणों के आवागमन का रास्ता अवरुद्ध हो जाएगा। उस जमीन पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य करने के लिये कोई भी अनुमति भी नहीं ली गई है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि उद्योग ने वन भूमि पर भी कब्जा किया है। क्षेत्र में सैकड़ों पेड़ों की कटाई भी कर दी गई। पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के साथ सरकारी जमीन भी कब्जाई जा रही है।
अतिक्रमण पर सबके लिए एक नियम
उद्योग हो चाहे कोई आम आदमी, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने पर एक ही नियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन कार्रवाई करते समय सबकुछ बदल जाता है। आम आदमी पर प्रशासन का डंडा पूरी ताकत से चलता है। जबकि उद्योगों को खुली छूट दी जाती है। पाली, देलारी, गेरवानी, जमडबरी, सराईपाली आदि गांवों में उद्योगों के खिलाफ शिकायत आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।