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शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन धरना जारी, समर्थन में उतरे – सर्व आदिवासी समाज*

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/धरमजयगढ़। इन दिनों पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा अपने संविदा पदों के शासकीयकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है। पंचायत सचिव संघ का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। इस बीच, पंचायत सचिवों को और अधिक मजबूती देते हुए *सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र सिदार* ने भी उनके आंदोलन का समर्थन किया है। 

शासकीयकरण की मांग पर अड़े पंचायत सचिव
ग्राम पंचायत सचिव ग्रामीण विकास की आधारशिला माने जाते हैं। वे न केवल पंचायत स्तर पर प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करते हैं, बल्कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करते हैं। बावजूद इसके, उन्हें संविदा कर्मचारी के रूप में कार्य करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। 

पंचायत सचिव संघ की मांग है कि उनके संविदा पदों को शासकीयकरण किया जाए,जिससे उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। और वहीं सर्व आदिवासी समाज कार्यकारिणी अध्यक्ष दिनेश राठिया का कहना है- कि वे कई वर्षों से शासन की विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं, लेकिन स्थायी कर्मचारी का दर्जा न मिलने से वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं। 

महेंद्र सिदार ने दिया समर्थन
पंचायत सचिवों के इस आंदोलन को अब सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष महेन्द्र सिदार का भी समर्थन मिल गया है। धरना स्थल पर पहुंचकर उन्होंने पंचायत सचिवों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा, 
“ग्राम पंचायत सचिव पंचायतों की रीढ़ हैं। वे गांवों के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। मैं उनके इस आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करता हूं और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा।”

और वहीं महेंद्र सिदार ने सरकार से जल्द से जल्द पंचायत सचिवों की मांगों को पूरा करने की अपील की, ताकि ग्रामीण विकास की प्रक्रिया बाधित न हो और सचिवों को उनका हक मिल सके। 

पंचायत सचिव संघ की चेतावनी 
धरना प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिवों ने सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपना आंदोलन और उग्र करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हड़ताल, धरना-प्रदर्शन और अन्य लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आवाज को और बुलंद करेंगे और सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य करेंगे।
 
धरना स्थल पर जुट रही भीड़
धरमजयगढ़ में चल रहे इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में पंचायत सचिवों के साथ बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के सदस्य महेन्द्र सिदार ब्लॉक अध्यक्ष, कार्यकारिणी अध्यक्ष दिनेश राठिया एवं जोगेंद्र एक्का (पूर्व सरपंच) सहित स्थानीय अन्य लोग भी शामिल हुए।

क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है और पंचायत सचिवों की मांगों पर क्या निर्णय लेती है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन और व्यापक हो सकता है, जिससे पंचायत स्तर पर विकास कार्यों पर भी असर पड़ सकता है।।

Amar Chouhan

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