पांच सालों में उद्योगों में सबसे ज्यादा इसी साल, 19 की गई जान

अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। कोई भी श्रमिक अपने परिवार को पालने के लिए दिनरात, कभी एक शिफ्ट, कभी दो शिफ्ट, कभी ओवरटाइम काम करता है। उद्योग केवल उसकी मेहनत के बल पर अरबों रुपए कमाते हैं, लेकिन श्रमिकों की सुरक्षा के मामले में रायगढ़ जिला बेहद खराब है। बीते पांच सालों में वर्तमान वर्ष में तो सबसे ज्यादा हादसे हुए। सबसे ज्यादा मौतें भी इसी साल हुईं। प्रशासन ने उद्योगों को खुली छूट दी है कि वे उद्योग का विस्तार करें, नए-नए उद्योग लगाएं, सरकार से सब्सिडी भी लें, जमीन कम पड़ रही हो तो वो भी सरकार उपलब्ध कराएगी, कोयला परिवहन में भी कोई रुकावट नहीं आने दी जाती। उद्योगपति भी सरकार द्वारा दी जा रही रेवड़ियों को मजे से निगल रहे हैं।
इसके बदले जो कर्तव्य सरकार ने तय किए हैं, उसका पालन नहीं हो रहा है। सबसे बड़ी समस्या काम करने के दौरान श्रमिकों की सुरक्षा की है। रायगढ़ के उद्योग अब श्रमिकों के लिए काल बन चुके हैं। पिछले चार-पांच सालों के आंकड़े देखें तो इस साल सबसे ज्यादा हादसे हो चुके हैं। 2021 में उद्योगों में 13 घटनाएं हुई थी जिसमें 20 की जान जा चुकी है। 2022 में 12 हादसों में 15 श्रमिकों ने जान गंवाई। वहीं 2023 में 9 घटनाओं में 9 श्रमिकों की मौत हुई। जबकि 2024 में 18 हादसे हो चुके हैं। इसमें अब तक 19 की जान जा चुकी है। इस साल उद्योगों में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। मतलब साफ है कि अब उद्योग भी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो चुके हैं।
गंभीर घायलों की संख्या भी बहुत ज्यादा
साल दर साल उद्योगों में हादसे कम होने चाहिए क्योंकि सुरक्षा संसाधनों में भी वृद्धि हो रही है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। दरअसल उद्योगों पर से पकड़ ढीली हो चुकी है। अब सरकार केवल उद्योग लगाने और विस्तार के लिए काम कर रही है। श्रमिकों की क्या स्थिति है, इस पर कोई चर्चा ही नहीं होती। एक ही अधिकारी के कई साल से रायगढ़ में पदस्थापना होना भी इसकी एक वजह है। उद्योगों की उनके साथ ट्यूनिंग हो गई है। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग दिनोंदिन कमजोर होता जा रहा है।
क्या कहते हैं मनीष
उद्योगों को श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा जाता है। ऐसे हादसे दुखद हैं। कार्रवाई के बावजूद उद्योग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं :– मनीष श्रीवास्तव, उप संचालक, आईएचएसडी