बरौद विस्थापित परिवारों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन

सालों से लंबित है ग्रामीणों का विस्थापन राशि बढ़ोतरी का मामला एसईसीएल प्रतिनिधि मंडल एवं बिलासपुर मुख्यालय से समझौता के तहत् मांगें पुरी नहीं होने पर ग्रामीण करेंगे आन्दोलन! हड़ताल से होगा करोड़ों के राजस्व का नुक़सान
अमरदीप चौहान/अमरखबर:घरघोड़ा – भारत सरकार की उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड की विभागीय कम्पनी साउथ ईस्ट कोलफील्ड्स लिमिटेड SECL द्वारा रायगढ़ क्षेत्र के बरौद विस्तार परियोजना हेतु कोयला धारक क्षेत्र अर्जन एवं विकास अधिनियम 1957 की धारा 9(1) की अधिसूचना SO.3133 का भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 25.12.2010 के तहत् भू -अर्जन अधिग्रहण कर ग्राम बरौद को कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना निति 2012 के तहत् 331 परिवारों को विस्थापन किया जाना है कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना निति 2012 के अन्तर्गत जो परिवार पुनर्बसाहट स्थल के अलावा स्वेच्छा से अन्यत्र जगह बसना चाहते है ऐसे परिवारों के लिए राशि रुपया 03 लाख प्रति परिवार एकमुश्त देने का प्रावधान है जिसको लेकर ग्रामीण ना ख़ुश हैं और विस्थापन लाभ एसईसीएल के कोरबा जिले के गेवरा ,दीपका , कुसमुंडा परियोजना के संचालित परियोजना के तर्ज़ पर प्रति वयस्क पात्र परिवार को 10 लाख एवं अतिरिक्त पारितोषिक / प्रोत्साहन राशि 05 लाख देने का एसईसीएल निदेशक मंडल बिलासपुर द्वारा 08.08.2022 को 03 लाख पर संसोधन किया गया है और एसईसीएल के बाकि क्षेत्रों के लिए बसाहट राशि विस्थापन लाभ केवल 03 लाख ही है एसईसीएल के केवल तीन परियोजनाओं के लिए विशेष पुनर्वास निति लागू करना न्याय संगत निति विरूद्ध है कोल इंडिया लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है जो सदैव भारत सरकार की निति व नियमों का पालन करता है एक ही उपक्रम में दो या अलग अलग निति बना कर अन्य क्षेत्रों के विस्थापित परिवारों के जीवन के साथ खेलवाड एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है । विदित हो की कोल इंडिया लिमिटेड Rehabilitation & Resettlement POLICY 2008 लाया गया 2008 POLICE को 05 वषों में संसोधन कर कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (Rehabilitation & Resettlement POLICY ) 2012 लाया गया जो अभी तक 12 वषों तक निरंतर जारी है जो संसोधन किया जाना चाहिए (Rehabilitation & Resettlement POLICY 2012 ) में निर्धारित विस्थापन लाभ बसाहट राशि 03 लाख को लेकर संसोधन किये जाने की मांग लम्बे समय से रायगढ़ जिले के बरौद परियोजना के विस्थापित परिवार एवं कोरबा जिले के सराईपाली परियोजना के ग्राम बुडबुड़ के द्वारा लम्बे समय से मांग जारी है प्रबंधक प्रतिनिधि मंडल एवं ग्रामीणों के बीच कई लिखित समझौता तथा मुख्यालय लेबल पर उच्च स्तरीय बैठक भी हुआ है जिस पर एसईसीएल के आलाअधिकारियों द्वारा 03 लाख विस्थापन लाभ के अतिरिक्त 05 लाख बोनस /एक्सग्रेसिया राशि देने का अन्य क्षेत्रों के तर्ज़ पर लिखित आश्वासन दिया गया जो सालों से एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में मांग लंबित है हमारी एक सुत्रीय मांग विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी के सन्दर्भ में जल्द से जल्द निर्णय लिया जावे ताकि विस्थापित परिवार आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास में सुधार व संर्वगिण विकास हो सके एवं विकास की मुख्य धारा में जुड़ सकें ग्रामीणों ने भारी संख्या में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व घरघोड़ा को ज्ञापन दिया है और जल्द से जल्द मांगे पुरी कराने की अपील किया है अब देखना है कब तक ग्रामीणों के पक्ष में निर्णय लिया जाता है ।