कई महीने से फरार चल रहे ठगराज रंजीत चौहान चढ़ा रायगढ़ पुलिस के हत्थे

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। सरकारी नौकरी व ठेका दिलवाने के नाम पर दर्जन भर से अधिक लोगों को अपने जाल में फांसते हुए ठगी का शिकार बनाने के बाद फरार हुए आरोपी रंजीत चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। ठगबाज रंजीत चौहान ने सरकारी नौकरी व विभिन्न विभागों में ठेका दिलवाने के नाम पर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते हुए करोड़ों रूपए गबन कर लिये है। ठगी के शिकार हुए लोगों द्वारा रकम वापसी के लिए कई बार दबाव बनाने के बावजूद राशि वापस नहीं करने पर एक के बाद एक पीडि़त लोगों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिससे रंजीत के काले कारनामे का खुलासा हो पाया।
आरोपी रंजीत चौहान चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम डूमरपाली का निवासी है। रंजीत ने पहले एक सेटेलाइट चैनल के माध्यम से पत्रकारिता शुरू की थी तथा इस बीच उसने असीम कृपा फाउन्डेशंन के नाम से एनजीओ भी बना लिया था। वहीं पत्रकारिता व एनजीओ के माध्यम से रंजीत न केवल शासकीय विभागों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बीच भी अपनी पहचान बना कर ठगी का जाल बुनना शुरू किया था। बताया जा रहा है कि रंजीत ने सरकारी नौकरी दिलाने तथा विभिन्न विभागों में निर्माण कार्य का ठेका दिलवाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रूपए की ठगी की है। वहीं जब पीडि़तों को उनके साथ धोखा होने की जानकारी हुई तो एक एक कर पीडि़त सामने आने लगे और थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
अब तक अलग-अलग थानों में रंजीत चौहान के विरूद्ध आधा दर्जन से अधिक धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। चक्रधरनगर थाने में भी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की बिल्डिंग बनाने का ठेका दिलाने के नाम पर ठगी के अलावा अन्य धोखाधड़ी की भी रिपोर्ट दर्ज है। वहीं कोतवाली थाने में भी धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है एफआईआर होने के बाद गिरफ्तारी के भय से रंजीत चौहान फरार हो गया था। वहीं पुलिस टीम व सायबर सेल द्वारा लगातार उसकी पतासाजी की जा रही थी तथा माोबाईल का लोकेशन ट्रेस करने का भी प्रयास किया जा रहा था। इस बीच अलग अलग शहर में रह कर वह पुलिस की आंख में धूल झोंकता रहा।
वहीं काफी खोजबीन के बाद अंतत: ठगबाज रंजीत चौहान को अपने हत्थे चढ़ाने में पुलिस को सफलता हासिल हुई है। रंजीत चौहान द्वारा संचालित एनजीओ की आड़ लेकर तथा शासकीय महकमों में पकड़ होने की बात कहते हुए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया जाता था। घरघोड़ा के टेंडा नावापारा निवासी वृद्धा को अपने एनजीओ द्वारा संचालित वृद्धा आश्रम में रखने के नाम पर एक लाख 10 हजार रूपए ऐंठ लेने के अलावा ग्रामीण बैंक में रिक्त पदों पर भर्ती के नाम से तकरीबन 11 लोगों से 44 लाख रूपए की ठगी करने का मामला सामने आया हे। इसके अतिरिक्त उसके धोखाधड़ी की लंबी फेहरिस्त है जिसका परत-दर-परत खुलासा हो रहा है।
आज उक्त मामले में साइबर सेल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित है।
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