छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में सस्पेंड आईपीएस सदानंद कुमार के खिलाफ आरोप पत्र जारी..!!

बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार के खिलाफ राज्य सरकार ने आरोप पत्र जारी किया है। सदानंद को दिए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि निलंबित आईपीएस सदानंद 8 फरवरी 2024 से 12 जून 2024 तक बलौदाबाजार-भाटापारा एसपी के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान उन्होंने जैतखाम तोड़फोड़ मामले में सेवा नियमों का उल्लंघन किया है।
यह भी कहा गया है कि गिरौदपुरी धाम के अमरगुफा में सतनामी समाज की आस्था के प्रतीक 3 जैतखाम को काटकर फेंक दिए जाने और मंदिर के गेट को तोड़कर क्षतिग्रस्त किए जाने गिरौदपुरी चौकी में अपराध दर्ज किया गया था। इस मामले की गंभीरता को ध्यान में न रखकर बिंदुओं पर गहन विवेचना के बिना ही पांच जून 2024 को न्यायालय में अभियोग पत्र पेश कर दिया गया था। यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन है।
अब तक कांग्रेस विधायक समेत 170 से ज्यादा लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
बताया गया है कि बलौदाबाजार मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में पुलिस ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कांग्रेस नेताओं तथा सतनामी समाज के नेताओं और लगभग 170 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। विधायक की गिरफ्तारी के बाद यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
जानिए पूरा मामला
15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौदपुरी धाम के जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे। इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी। हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया था।
आगे क्या… तथ्याें के साथ दे सकते हैं जवाब
आराेप पत्र मिलने के बाद जाे आराेप निलंबित एसपी पर लगे हैं वे उसका तथ्याें के साथ जवाब प्रस्तुत कर सकते हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड मंगलवार 27 अगस्त को खत्म हो रही है। यादव को बलौदाबाजार में मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है

उन्होंने आरोप पत्र में लिखा है कि, मंदिर के गेट को तोड़कर क्षतिग्रस्त किये जाने पर गिरौदपुरी चौकी में दर्ज अपराध क्रमांक 110/2024, धारा 295 भादवि में उचित पर्यवेक्षण किये बिना और प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में न रखकर सभी बिन्दुओं पर गहन विवेचना के बिना न्यायालय में 5 जून 2024 को अभियोग पत्र पेश किया जाना पाया गया है।
आरोप पत्र में आगे लिखा है कि, आपका उक्त कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम 3(2B)(xiii) का उल्लंघन है। इस प्रकार सदानंद कुमार, निलंबित भापुसे (सीजी-2010) ने कर्तव्यनिष्ठ न रहने और सर्वोत्तम विवेक से कार्य न करने के कारण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम 3 (2B) (xiii) का उल्लंघन किया गया है।