भाटापारा में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन: साहित्य और हास्य की शानदार प्रस्तुति

अमरदीप चौहान/अमरखबर:भाटापारा। 24 दिसंबर की शाम मिनीमाता नगर सेंट मैरी कॉलोनी में जय सतनाम सेवा समिति द्वारा संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा जी के सम्मान में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रदेश के साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम बन गया।
इस कवि सम्मेलन की खास बात यह रही कि इसका संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री और व्याख्याता अन्नपूर्णा पवार ‘आहुति’ ने अपने चिर-परिचित ओजस्वी अंदाज़ में किया। प्रदेश में यह पहली बार था जब किसी महिला कवयित्री ने इतने भव्य कवि सम्मेलन का सफल संचालन किया।
कवियों ने बांधा समां
कार्यक्रम में प्रदेश के कई जाने-माने कवियों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया। हास्य, व्यंग्य, और शेरो-शायरी से भरी इस शाम में श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए।
1. इरफानुद्दीन इरफान:
रायपुर से आए प्रसिद्ध शायर इरफानुद्दीन “इरफान” ने अपनी शायरी से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। उनकी पंक्तियां:
“जब तक आंखों से बरसात नहीं होती,
सच कहता हूं मेरी रात नहीं होती।
इश्क में सारे लोग बराबर होते हैं,
इश्क में कोई छोटी जात नहीं होती।”
– ने सभी को गहरे विचारों में डुबो दिया।
2. शरद यादव ‘अक्स’:
बिलासपुर से आए हास्य कवि शरद यादव ‘अक्स’ ने अपनी अनूठी शैली में श्रोताओं को हंसी से लोटपोट कर दिया। उनकी व्यंग्यात्मक पंक्तियां:
“कइसे होही हमर मिलन, तोर बाप ह गोरी लगे विलन।
तोर मोर मया के लव स्टोरी फ्लॉप होही हमर फिलम।”
– सुनकर दर्शक ठहाके लगाने पर मजबूर हो गए।
3. कृष्णा भारती:
नांदघाट से आए हास्य कवि कृष्णा भारती ने अपने चुटीले अंदाज में लोगों को खूब गुदगुदाया। उनकी पंक्तियां:
“देख संगी कईसे संसार हो गे हे,
सब के सब मतलब के यार हो गे हे।
मिरच घलो हा अब मीठ लागथे,
मनखे के बोली मं अतका झार हो गए हे।”
– श्रोताओं के दिलों पर छाप छोड़ गईं।
अन्नपूर्णा पवार ‘आहुति’ का ओजस्वी काव्यपाठ
कार्यक्रम का समापन सुप्रसिद्ध कवयित्री अन्नपूर्णा पवार ‘आहुति’ के जोशीले काव्यपाठ से हुआ। उन्होंने नारी जागृति और समाज की वर्तमान स्थिति पर प्रहार करते हुए अपनी कविता प्रस्तुत की:
“लुट रही है द्रौपदी गोविंद तुमको भान है,
अनगिनत पीड़ाओं की जैसे हृदय में खान है।”
उनकी रचनाओं ने श्रोताओं में शीत ऋतु की रात में भी गर्मजोशी भर दी।
सम्मेलन की विशेषता
यह सम्मेलन गुरु घासीदास बाबा की शिक्षाओं और समाज में उनके योगदान को समर्पित था। इसमें कवियों ने हास्य, व्यंग्य, और ओज के माध्यम से समाज की विभिन्न समस्याओं और बदलाव की जरूरतों को उजागर किया।
जय सतनाम सेवा समिति द्वारा आयोजित यह कवि सम्मेलन साहित्यिक दृष्टि से अत्यंत सफल और प्रेरणादायक साबित हुआ। आयोजकों ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का वादा किया।