ग्राम मूड़ागांव में सामुदायिक वन अधिकार पत्र के तहत 90 एकड़ भूमि पर वृक्षारोपण: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की तमनार तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत सराईटोला के मूड़ागांव में ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। सराईटोला के सरपंच अमृत लाल भगत, बाँधापाली और रोडोपाली के सरपंचों के मार्गदर्शन में ग्रामीणों ने सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत प्राप्त 90 एकड़ भूमि पर बड़े उत्साह के साथ वृक्षारोपण अभियान चलाया। इस अभियान में सराईटोला, मूड़ागांव, पाता, बाँधापाली और रोडोपाली के महिला, पुरुष और बच्चों ने एकजुट होकर हिस्सा लिया, जिसने इस पहल को और भी खास बना दिया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत एक सामुदायिक बैठक के साथ हुई, जिसमें ग्रामीणों ने जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने अपने घरों से विभिन्न प्रकार के पौधे लाकर इस अभियान में योगदान दिया। इस दौरान न केवल पौधे रोपे गए, बल्कि इन पौधों की देखभाल और संरक्षण का भी सामूहिक संकल्प लिया गया। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और एकता का भी प्रतीक बन गया है।

इस कार्यक्रम में कुंजेमुरा से लैलूंगा विधानसभा के विधायक विद्यावती सिदार, कुंजविहारी सिदार, बीडीसी यज्ञसेनी सिदार, उमेश सिदार, कोसमपाली से बीडीसी कन्हाई पटेल, बाँधापाली से सरपंच प्रेमसिला राठिया, परमेश्वरी राठिया, नोनीदाई राठिया, चंपा राठिया, आतालो राठिया, जमुना, सम्पति बुधवारो राठिया, चमड़ी राठिया, चितवाही से शनीराम सिदार, सुरुचि सिदार, चंद्रमणि सिदार, गारे के सरपंच रविशंकर सिदार, सराईटोला के उपसरपंच तुलाराम राठिया, श्याम राठिया, सितंबर सिदार, महेशराम सिदार, बुधराम राठिया, घुराऊ राम भगत, प्रेमसागर मांझी, जहाज राम भगत, कार्तिक राम यादव, हलधर दास, मोहित यादव, जनेराम सारथी, मुरलीधर राठिया, अरुण दास, रसमती भगत, हरिमती भगत, राजमुनी भगत, ललिता सिदार, ताराबती मांझी, सीतल कुंवर सिदार, दिलमती सिदार, कांति सिदार, गंगाबती राठिया, गणेशी चौहान, रामप्यारी राठिया, पार्वती यादव, दिलेश्वर यादव, गोदावरी सिदार, नगरमुंडा से यादव, और रोडोपाली से त्रिलोचन राठिया, दिनेश राठिया, मुकेश देहरी, शैलेश पटेल, और जयप्रकाश निषाद जैसे गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इन सभी ने इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

यह वृक्षारोपण अभियान न केवल पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देगा। सामुदायिक वन अधिकार पत्र के तहत प्राप्त इस भूमि का उपयोग न केवल वृक्षारोपण के लिए किया गया, बल्कि यह ग्रामीणों के लिए एक ऐसी पहल बन गई है, जो भविष्य में उनके जीवन को और भी समृद्ध बनाएगी।

इस अभियान की सफलता ग्रामीणों की एकता, नेतृत्व और पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाती है। यह एक सकारात्मक और प्रेरणादायक खबर है, जो अन्य समुदायों को भी पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास के लिए प्रेरित करेगी। ग्राम मूड़ागांव और आसपास के गांवों के इस प्रयास को न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।