रायगढ़: डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर मिट्टी लगाने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 13 जून 2025: भारत के संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की घटना पर रायगढ़ पुलिस ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना चक्रधरनगर के अंबेडकर चौक पर 9 जून 2025 को सामने आई थी, जब कुछ नागरिकों ने प्रतिमा पर मिट्टी लगाए जाने की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने नगर पुलिस अधीक्षक श्री आकाश शुक्ला और साइबर सेल डीएसपी श्री अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में जांच शुरू की। टीम में चक्रधरनगर, जूटमिल, पूंजीपथरा, पुसौर, छाल और साइबर सेल के अधिकारी शामिल थे। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया और टावर डम्प के माध्यम से लगभग 5 लाख मोबाइल नंबरों की जांच की। इस दौरान ह्यूमन इंटेलिजेंस और संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर दो व्यक्तियों—रमेश जोशी (40 वर्ष, बजरंग पारा, जूटमिल) और वीरेंद्र सारथी (28 वर्ष, जोगीडिपा, रायगढ़)—की पहचान हुई।

पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि 8 जून की रात को नशे की हालत में वे अंबेडकर चौक पहुंचे और बदनियति से प्रतिमा पर गीली मिट्टी लगाई। पुलिस ने उनके कपड़ों को बरामद कर लिया, जिनका सीसीटीवी फुटेज से मिलान हुआ। दोनों आरोपियों के खिलाफ थाना चक्रधरनगर में विभिन्न धाराओं—298, 324(3), 353(2) BNS, 299, 302, 196(1)(क)(ख), 196(2) BNS, लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 9, और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3(1)—के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें माननीय न्यायालय में रिमांड पर पेश किया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने इस घटना को संवेदनशील बताते हुए शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर न केवल संविधान के निर्माता थे, बल्कि सामाजिक समानता और न्याय के प्रतीक हैं। उनकी प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ निंदनीय है। हमारी टीम ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया, ताकि समाज में शांति और विश्वास बना रहे।”
इस कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश मरकाम, सीएसपी श्री आकाश शुक्ला, डीएसपी साइबर सेल श्री अनिल विश्वकर्मा, और विभिन्न थानों के प्रभारियों सहित पुलिस स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही। यह कार्रवाई संविधान और लोकतंत्र के प्रति सम्मान को दर्शाती है, जो डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को जीवित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।