अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर रायगढ़ में विशेष अभियान और जागरूकता शिविर

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के आदेशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायगढ़ के प्रधान जिला न्यायाधीश जितेंद्र जैन के मार्गदर्शन में, सचिव श्रीमती अंकिता मुदलियार के परिपालन में तथा तालुका विधिक सेवा समिति, घरघोड़ा के अध्यक्ष शहाबुद्दीन कुरैशी के तत्वाधान में 12 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में सड़क पर रहने वाले, पढ़ाई छोड़ चुके, भिक्षाटन में शामिल या बाल श्रम के लिए मजबूर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को चिह्नित किया गया।
पैरालिगल वॉलेंटियर्स बालकृष्ण (थाना पूंजीपथरा), लवकुमार चौहान (थाना घरघोड़ा) और टीकम सिंह सिदार (थाना तमनार) ने ग्राम, चौक-चौराहों, कारखानों, होटलों, दुकानों, संस्थानों और बस स्टैंडों पर जाकर बच्चों को चिह्नित किया। साथ ही, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्शन प्लान 2025-26 के तहत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। ग्राम छर्राटांगर में ग्रामीणों, पंचों, वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं और बच्चों को नालसा की योजनाओं की जानकारी दी गई।

शिविर में बाल श्रम के प्रमुख कारणों जैसे गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, सस्ती मजदूरी की मांग, जागरूकता की कमी और पारिवारिक जिम्मेदारियों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का उद्देश्य बच्चों को श्रम से मुक्त कर शिक्षा की ओर प्रेरित करना है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने 2002 में इस दिवस की शुरुआत की थी। भारत में बाल श्रम निषेध और नियमन अधिनियम 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम करवाना अपराध है, और 2016 के संशोधन के अनुसार 14 से 18 वर्ष के बच्चों से खतरनाक कार्य करवाना भी दंडनीय है।

कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकारों सहित 30-40 लोग उपस्थित रहे, जिन्हें बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई।