भारतमाला प्रोजेक्ट में एसडीएम सस्पेंड, क्या बजरमुड़ा में करेंगे कोई कार्यवाई ?

सरकार के सामने प्रदेश का सबसे बड़ा सुनियोजित भू-अर्जन घोटाला, एक ही गांव में बांटे 415 करोड़, छग शासन की कंपनी सीएसपीजीसीएल को पहुंचाया नुकसान
सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। सरकार ने भारतमाला परियोजना में भूअर्जन में गड़बड़ी कर करोड़ों का मुआवजा बांटने वाले एसडीएम को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन रायगढ़ जिले का बजरमुड़ा घोटाले पर चुप्पी है। जबकि सरकार की जांच टीम ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। नाम फाइलों में कैद हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अब अफसरों के लिए अवैध कमाई का जरिया बन गई है। प्रदेश में कई प्रोजेक्ट ऐसे हो चुके हैं, जिसमें राजस्व अधिकारियों ने ही फर्जीवाड़ा किया। इस तरह के घोटालों के लिए अब रायगढ़ जिला जाना जाता है। यहां कई भूअर्जन घोटाले हुए हैं। इसमें से बजरमुड़ा कांड भी एक है। गारे पेलमा सेक्टर-3 कोल ब्लॉक का आवंटन छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड छग को हुआ था। छग में ही कोयले का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाना था।
इसमें मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हे. पर लीज स्वीकृत की गई। खनिज साधन विभाग ने 8 दिसंबर 2016 को आदेश दिया जिसमें कंपनी को 23 फरवरी 2017 से 22 फरवरी 2047 तक 30 साल की लीज स्वीकृत की गई। इसमें निजी भूमि लीज क्षेत्र के अंदर 362.719 हे. और बाहर 38.623 हे. भूमि पर सरफेस राइट के तहत भूअर्जन किया गया। मतलब 8 दिसंबर 2017 से ही इन गांवों में डायवर्सन, टुकड़ों में खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लग गया था। प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि के आकलन के लिए तत्कालीन एसडीएम घरघोड़ा ने सर्वे करवाया। जुलाई 2020 को प्रारंभिक सूचना प्रकाशित की गई। इश्तहार प्रकाशन के बाद भूमिस्वामियों की आपत्ति आई।