क्या एक साल में दो ही उद्योगों ने की फ्लाईएश की अवैध डम्पिंग⁉️एमएसपी और रुपाणाधाम पर करीब 50 लाख की पेनाल्टी!

अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई एश का शतप्रतिशत यूटीलाइजेशन होना चाहिए लेकिन कंपनियां इस आंकड़े को मेंटेन करने के लिए अवैध डंपिंग करती हैं। इसकी शिकायत होने पर कार्रवाई होती है। बीते एक साल में केवल दो ही उद्योगों द्वारा फ्लाईएश की अवैध डंपिंग की शिकायत आई थी। एमएसपी और रुपाणाधाम स्टील द्वारा ऐसा किया गया। दोनों को मिलाकर करीब 50 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई।
पहले जहां हर उद्योग अवैध डंपिंग कर रहा था, अब कार्रवाई की वजह से ऐसा करने वालों की संख्या कम हो गई है। कुछ उद्योग अब भी नहीं समझ रहे हैैं। दिसंबर 2023 से नवंबर 2024 के बीच फ्लाईएश की अवैध डंपिंग की दो ही शिकायतें आई हैं। विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के विभिन्न मार्गों के किनारे अवैध रूप से एश की डंपिंग के दो मामले सामने आए थे। पहला प्रकरण एमएसपी स्टील एंड पावर जामगांव का था। प्लांट से फ्लाईएश लेकर महापल्ली रोड किनारे मनमाने तरीके से डंपिंग की गई थी।
इस पर 22 मार्च 2023 को पर्यावरण विभाग ने 4.50 लाख की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई। कंपनी को डंप किए गए फ्लाई एश पर मिट्टी परत बिछाने का आदेश दिया गया। रुपाणाधाम स्टील प्रालि ने तो बहुत ज्यादा मात्रा में एश डंप कर दिया था। सराईपाली रोड से लगे हर्रीडीह में हजारों टन एश डंप कर दिया गया। 21 नवंबर को पर्यावरण विभाग ने रुपाणाधाम स्टील पर 45 लाख रुपए की पेनाल्टी अधिरोपित की है। साथ की कंपनी को फ्लाईएश के ऊपर मिट्टी बिछाने का भी आदेश दिया गया था।
उद्योग हर साल फ्लाईएश का ऑडिट करते हैं। इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती। रिपोर्ट में कई गलत जानकारी दी जाती है। अवैध डंपिंग के जरिए एश को खपाया जाता है। प्लांट से उत्सर्जित फ्लाईएश की मात्रा भी कम दिखाई जाती है। उपयोग किए गए कोयले और से मिलान किया जाएगा तो आंकड़ा बहुत ज्यादा होगा।
जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️