सैकड़ों लोगों ने गंवाई करोड़ों की रकम, अब शिकायत की तैयारी, लोकल एजेंटों ने करवाया था निवेश
वित्तीय धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। चिटफंड कंपनियों ने आम लोगों के करोड़ों रुपए ठगने के बाद अब नए तरह की ठगी का मामला सामने आ रहा है। हाइपर फंड के नाम पर लोकल एजेंटों ने कई लोगों से निवेश करवाए थे, लेकिन अब निवेशकों को रिटर्न नहीं मिल रहा है। इसकी लिखित शिकायत की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह के फंड के खिलाफ कई राज्यों में शिकायतें मिलने लगी हैं। भारत में, आरबीआई, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेबी ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी थी। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि वर्चुअल करेंसी लीगल टेंडर नहीं है।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी इकाई या कंपनी को बिटकॉइन या किसी वर्चुअल करेंसी के संचालन या लेनदेन के लिए कोई लाइसेंस नहीं दिया है। इसके बावजूद हाइपर फंड जैसी स्कीम लोगों को लुभा रही है। अब यहां भी बड़े पैमाने पर गबन के मामले सामने आ रहे हैं। रायगढ जिले में हाइपर फंड में कई लोगों ने निवेश किए हैं। लोकल लोगों को एजेंट बनाकर मोटी कमीशन का लालच दिया जाता था। इसके बाद ये एजेंट लोगों से हाइपर फंड में निवेश कराते थे। वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के लिए जिम्मेदार एजेंसियां हाइपर फंड कंपनी पर नजर रख रही थी। अब यह कांड सामने आ रहा है।
फिलहाल इस बारे में किसी को ज्यादा मालूम नहीं है। रायगढ़ के सैकड़ों लोगों ने दोगुनी-तिगुनी रकम के लालच में निवेश कर दिया। शुरू में कुछ हजार रुपए मिले भी, लेकिन अब न तो एजेंट मिल रहे हैं और न ही राशि वापस हो रही है। बताया जा रहा है कि एजेंट एक एप के जरिए रकम निवेश करवाते थे। इसी एप के माध्यम से उनको रिटर्न भी मिलता था लेकिन अब यह एप भी नहीं खुल रहा है। निवेश करने वाले अब परेशान होकर एजेंटों को ढूंढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में कुछ और कंपनी से ठगे गए लोग सामने आ सकते हैं। डीईएफआई हाइपर फंड हाल ही में रडार पर आया है। मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) मॉडल के साथ हाइपर फंड निवेशकों को उच्च रिटर्न और इस तरह की पेशकशों के साथ लुभा रहा है।
भारतीय नियामकों और अधिकारियों ने स्थिति की निगरानी शुरू कर दी है। हाईपरटेक समूह द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से विकेंद्रीकृत वित्त (डीईएफआई) की पेशकश की थी जिसे हांगकांग से संचालित किया जाता है। केंद्र ने पहले ही हाइपर फंड में निवेश की निगरानी शुरू कर दी थी। इस तरह की पोंजी योजना के आयोजक अक्सर निवेशकों को लुभाने और अपनी योजना को उच्च रिटर्न का वादा देने के लिए नवीनतम नवाचार, प्रौद्योगिकी, उत्पाद या विकास उद्योग का उपयोग करते हैं। यूके में इस तरह के फंड के खिलाफ चेतावनी जारी की गई थी। फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (एफसीए) ने भी हाइपर फंड और फंड एडवाइजर दोनों के लिए चेतावनी जारी की है। पोंजी स्कीम होने के कारण पैसा वापस मिलने की संभावना भी नहीं है।