तमनार–पूंजीपथरा मार्ग पर फिर मचा मौत का तांडव: मारुति वैन और ट्रेलर की भिड़ंत में दो गंभीर… भाजपा नेता दीपक सिदार ने दिखाई मानवता

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। जिले की “मौत की सड़क” कहे जाने वाले तमनार–पूंजीपथरा–रायगढ़ मार्ग पर शनिवार की सुबह एक बार फिर भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। पूंजीपथरा के पास तेज़ रफ़्तार ट्रेलर और मारुति ओमिनी (वैन) की आमने-सामने टक्कर में कार सवार दो युवक बुरी तरह घायल हो गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और दोनों घायल अंदर फंस गए।
भयावह टक्कर के बाद मचा हड़कंप
हादसे में गजानंद चौहान और मोहर साय गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेलर तेज़ रफ़्तार से तमनार की ओर जा रहा था जबकि सामने से आ रही मारुति वैन अचानक अनियंत्रित हो गई और ट्रेलर से सीधी भिड़ंत हो गई। टक्कर की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया और दोनों युवक अंदर फंसकर तड़पते रहे।
भाजपा नेता दीपक सिदार बने फ़रिश्ता
इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने रायपुर जा रहे भाजपा जिला उपाध्यक्ष दीपक सिदार का काफिला वहां से गुजर रहा था। हादसे की जानकारी मिलते ही उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई और तुरंत मदद के लिए आगे बढ़े।
दीपक सिदार ने खुद स्थानीय लोगों की सहायता से दोनों घायलों को वाहन से बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस के पहुंचते ही घायलों को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज रवाना किया गया। मौके पर मौजूद लोगों ने उनकी तत्परता और मानवीय संवेदनशीलता की सराहना की।
घायलों की हालत गंभीर
मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में डॉक्टरों की टीम ने बताया कि दोनों घायलों के पैरों में गंभीर चोटें आई हैं और फिलहाल उनका इलाज जारी है। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें निगरानी में रखा है।
मौत की सड़क बना तमनार–पूंजीपथरा रोड
यह मार्ग लगातार हादसों का पर्याय बनता जा रहा है। स्थानीय लोग इसे अब “मौत की सड़क” कहकर पुकारने लगे हैं। आए दिन भारी वाहनों की तेज़ रफ़्तार, ओवरटेकिंग और सड़क पर बने गड्ढे लोगों की जान ले रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से बार-बार मांग की है कि इस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर और पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए, पर हालात जस के तस बने हुए हैं।
प्रशासन से सख्त कदम की मांग
घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते इस मार्ग पर यातायात नियंत्रण के ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में और भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट