Latest News

कोल माइंस MDO को दिया इसलिए भूविस्थापितों को नहीं मिला रोजगार..

प्रभावितों के साथ धोखा – उमेश श्रीवास

घरघोड़ा क्षेत्र में स्थित तलाईपल्ली कोयला खदान का आबंटन पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनटीपीसी को हुआ है।

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। पब्लिक सेक्टर की कंपनी को आबंटित कोल ब्लॉक का उत्खनन कार्य एमडीओ के माध्यम से कराए जाने पर भूविस्थापितों को रोजगार नहीं मिलेगा। इसका खुलासा छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत जवाब में हुआ है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में स्थित तलाईपल्ली कोयला खदान (Talaipalli Coal Mines) का आबंटन पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनटीपीसी (NTPC) को हुआ है। एनटीपीसी ने खदान से कोयला उत्खनन का कार्य माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (MDO) के माध्यम से निजी कंपनी एनसीसी एंड बीजीआर माइनिंग इन्फ्रा को सौंपा है।

तलाईपल्ली कोयला खदान से अक्टूबर 2023 से कोयला उत्पादन शुरू हुआ है। इस खदान से रायगढ़ स्थित एनटीपीसी के लारा सुपर थर्मल पॉवर प्लांट को कोयले की आपूर्ति की जा रही है। तलाईपल्ली कोयला खदान में 843.68 मिलियन टन का बड़ा रिजर्व है। खदान से सालाना 18.73 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जाना है।


इधर, 11 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक लालजीत सिंह राठिया ने एनटीपीसी एवं एसईसीएल द्वारा कोयला खदानों के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण के एवज में दिए गए रोजगार की जानकारी मांगी थी।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा द्वारा प्रस्तुत जवाब में बताया गया कि एनटीपीसी तलाईपल्ली कोयला खदान का संचालन एमडीओ के माध्यम से हो रहा है। मंत्री ने बताया कि एनटीपीसी तलाईपाली के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में योजना में नियमित रोजगार/नौकरी के बदले प्रभावित/विस्थापित परिवारों को वार्षिकी भुगतान करने का प्रावधान है। अब तक कुल 1843 परियोजना प्रभावित/विस्थापित परिवारों को रोजगार के एवज में वार्षिकी का भुगतान किया जा चुका है। नियमित रोजगार/नौकरी का प्रावधान नहीं है।

यहां बताना होगा कि एनटीपीसी द्वारा एमडीओ को जो तलाईपल्ली कोयला खदान दी गई है उसकी शर्तां में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन से संबंधित गतिविधियां सम्मिलित हैं, लेकिन भूविस्थापितों को रोजगार देने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि कोयला खदानें एमडीओ को सौंपी जाएंगी तो भूमि देने वाले भूस्वामियों को रोजगार नहीं मिलेगा। एनटीपीसी के अलावा कोल इंडिया द्वारा भी एमडीओ के माध्यम से कोयले का उत्खनन कराया जा रहा है।

प्रभावितों के साथ धोखा – उमेश श्रीवास

इस पूरे मामले को लेकर हिन्द मजदूर किसान पंचायत के जिला महासचिव उमेश श्रीवास ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि,
“सरकार ने भूस्वामियों से उनकी जमीन लेकर निजी कंपनियों को सौंप दी, लेकिन प्रभावित परिवारों को रोजगार देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। एमडीओ के माध्यम से उत्खनन का मतलब है कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर से वंचित कर दिया गया है। यह सीधे-सीधे प्रभावित परिवारों के साथ धोखा है।”

श्रीवास ने कहा कि भूविस्थापितों को उनकी जमीन के बदले केवल वार्षिकी भुगतान देना पर्याप्त नहीं है। सरकार और एनटीपीसी को इस मामले पर पुनर्विचार कर प्रभावित परिवारों को स्थायी रोजगार देने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भूविस्थापितों के हितों की अनदेखी जारी रही, तो आंदोलन किया जाएगा।

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button