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पहलगाम आतंकी हमला: गोलियों के बीच जान जोखिम में डालकर नजाकत अली ने बचाई छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता सहित 11 पर्यटकों की जान, बीजेपी नेता बोले- ‘ये एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे’

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक जान गंवा बैठे, लेकिन इस भयावह त्रासदी के बीच इंसानियत की एक मिसाल भी सामने आई। कश्मीर के एक टूरिस्ट गाइड नजाकत अली ने अपनी जान की परवाह किए बिना छत्तीसगढ़ से आए 11 पर्यटकों की जान बचाकर पूरे देश को मानवीयता का संदेश दिया है।

मौत के साए में मसीहा बनकर आया नजाकत अली
छत्तीसगढ़ के चिरमिरी से चार परिवारों के 11 लोग पर्यटन के उद्देश्य से कश्मीर पहुंचे थे। इनमें चिरमिरी नगर निगम की पार्षद पूर्वा स्थापक, भाजयुमो नेता अरविंद अग्रवाल, पूर्व पार्षद शिवांश जैन और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे। 22 अप्रैल को सभी लोग कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरन – जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है – का आनंद ले रहे थे। तभी अचानक आतंकियों ने घोड़ों पर सवार पर्यटकों को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। हमले के समय नजाकत अली बतौर टूरिस्ट गाइड इन सभी पर्यटकों के साथ थे। गोलीबारी की आवाज सुनते ही अफरा-तफरी मच गई। लेकिन नजाकत ने ना सिर्फ अपना हौसला बनाए रखा, बल्कि जान की परवाह किए बिना आतंकियों के बीच से छत्तीसगढ़ के सभी 11 पर्यटकों को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। नजाकत ने बताया कि वे इन परिवारों को 17 अप्रैल से घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सैर करवा रहे थे। आखिरी दिन का प्लान था बैसरन घूमने का। दोपहर करीब 12 बजे सभी लोग वहां पहुंचे थे, जहां कुछ लोग मैगी खा रहे थे, कुछ तस्वीरें ले रहे थे। लेकिन दोपहर 3 बजे के करीब अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

छत्तीसगढ़ से खास नाता रखते हैं नजाकत अली
बता दें कि नजाकत अली सिर्फ एक टूरिस्ट गाइड नहीं हैं, बल्कि उनका छत्तीसगढ़ से भावनात्मक जुड़ाव भी है। हर साल सर्दियों में वे कश्मीरी शॉल और गर्म कपड़े बेचने चिरमिरी आते हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात पूर्व पार्षद शिवांश जैन से हुई थी और यहीं से दोनों के बीच गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई। जब चिरमिरी के लोग कश्मीर पहुंचे, तो नजाकत ने खुद उन्हें घुमाने की जिम्मेदारी ली थी।

“हम नजाकत भाई का एहसान कभी नहीं भूलेंगे” – अरविंद अग्रवाल
इस खौफनाक मंजर को याद करते हुए भाजयुमो नेता अरविंद अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर नजाकत अली के साथ एक फोटो साझा करते हुए लिखा – “आपने अपनी जान दाव में लगाके हमारी जान बचायी, हम नजाकत भाई का एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे।”

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हमले में शामिल चार आतंकियों के पास AK-47 और अन्य अत्याधुनिक हथियार थे। चश्मदीदों के अनुसार आतंकियों ने घोड़ों पर सवार पर्यटकों से धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। यह भयावह हमला करीब 3 से 5 मिनट तक चला, जिसमें 26 लोग जान गंवा बैठे। जहां एक ओर आतंकियों ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं, वहीं नजाकत अली ने नफरत की इस आग में इंसानियत का चिराग जलाए रखा।

Amar Chouhan

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