13 साल बाद फिर उड़ी उम्मीदों की उड़ान : रायगढ़ के कोडातराई एयरपोर्ट परियोजना को मिली नई रफ्तार

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हवाई कनेक्टिविटी का सपना एक बार फिर साकार होने की दिशा में बढ़ चला है। लंबे इंतजार के बाद कोडातराई एयरपोर्ट परियोजना को लेकर जिला प्रशासन ने फिर से तैयारी शुरू कर दी है। विमानन विभाग से औपचारिक पत्र मिलने के बाद अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को गति दी जा रही है।
13 साल बाद परियोजना को मिला नया जीवन
साल 2012 में राज्य शासन और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के बीच हुए एमओयू के तहत कोडातराई, औरदा, बेलपाली व जकेला गांवों की भूमि पर एक 4C VFR कैटेगरी एयरपोर्ट बनाने की योजना तैयार की गई थी। उसी समय इन चारों गांवों की जमीन को परियोजना के लिए चिन्हांकित कर लिया गया था और वहां जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
हालांकि, तकनीकी और प्रशासनिक उलझनों के कारण यह महत्वाकांक्षी योजना वर्षों तक ठंडी पड़ी रही। अब एक दशक से अधिक समय के बाद इसे फिर से जीवित किया गया है। शासन स्तर पर मिले अनुमोदन के बाद रायगढ़ प्रशासन ने भू-अर्जन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

चार गांवों की 569 एकड़ भूमि पर बनेगा एयरपोर्ट
एयरपोर्ट निर्माण के लिए कुल 569 एकड़ भूमि चिन्हांकित की गई है, जिसमें मौजूदा हवाई पट्टी की 23 एकड़ जमीन भी शामिल है।
जिला प्रशासन के अनुसार प्रभावित गांवों का ब्यौरा इस प्रकार है —
कोडातराई: 184 किसानों की 64 हेक्टेयर भूमि
औरदा: 75 किसानों की 29 हेक्टेयर भूमि
बेलपाली: 44 किसानों की 48 हेक्टेयर भूमि
जकेला: 132 किसानों की 86 हेक्टेयर भूमि
प्रशासन ने इन गांवों के पटवारी हलकों को अधिग्रहण प्रक्रिया की जानकारी भेज दी है। राजस्व अमला किसानों की सहमति और मुआवजा निर्धारण पर काम शुरू कर चुका है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले — “अब जमीन अधिग्रहण में नहीं लगेगा वक्त”
प्रदेश के वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने इस परियोजना को लेकर आशा जताई है कि यह रायगढ़ के विकास की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा। उन्होंने कहा —
> “कोडातराई एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निर्माण कार्य बाद में होगा, लेकिन अधिग्रहण का काम अब तेजी से आगे बढ़ेगा। रायगढ़ को अपना एयरपोर्ट मिलना अब केवल समय की बात है।”
सर्वे और प्रशासनिक तैयारी शुरू
एसडीएम महेश शर्मा ने बताया कि विमानन विभाग से औपचारिक पत्र मिल चुका है और प्रभावित क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा —
> “2012 में कुछ कारणों से काम रुक गया था, लेकिन अब प्रक्रिया दोबारा शुरू हो गई है। प्रारंभिक चरण पूरा होते ही अधिग्रहण का काम तेजी से किया जाएगा।”

उद्योग और पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान
रायगढ़ उद्योग, व्यापार और ऊर्जा उत्पादन का अहम केंद्र है, जहां बड़ी संख्या में निवेशक और कारोबारी आते हैं। अब एयरपोर्ट बनने से न सिर्फ औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी, बल्कि पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
स्थानीय लोगों में इस खबर को लेकर उत्साह है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि उचित मुआवजा और पुनर्वास व्यवस्था के साथ यह परियोजना क्षेत्र के भविष्य को नई उड़ान देगी।

संपादकीय टिप्पणी:
> कोडातराई एयरपोर्ट परियोजना रायगढ़ की भौगोलिक और आर्थिक संभावनाओं को आसमान तक पहुंचाने वाला कदम है। जरूरत है कि इस बार योजना केवल कागजों पर नहीं, धरातल पर उतरे — ताकि 13 साल का इंतजार वाकई “उड़ान” में बदल सके।