13 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक प्रमुख नक्सली, रानीता उर्फ हिड़मे कोवासी, ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इस महिला नक्सली पर छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपये, मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपये, और महाराष्ट्र में 5 लाख रुपये का इनाम था। कुल मिलाकर, इस महिला नक्सली पर 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
रानीता के खिलाफ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में 19 अपराध और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में 3 अपराध दर्ज हैं। उसने कवर्धा पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव और पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा के सामने आत्मसमर्पण किया।
महिला नक्सली रनिता की क्राइम स्टोरी…
रानीता, जो 22 वर्ष की है, ने वर्ष 2016 में नक्सल संगठन में शामिल होकर अपनी यात्रा शुरू की थी। उसने किस्टाराम एरिया में बाल संगम के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया और 2017 में संगठन की पूर्ण सदस्य बन गई। इसके बाद उसने टांडा एरिया कमेटी और मलाजखंड एरिया कमेटी में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
2021 से वह मलाजखंड एरिया कमेटी की सदस्य के रूप में सक्रिय थी और एसजेडसीएम/डिवीजन सचिव विकास नागपुरे के साथ काम कर रही थी। संगठन में कार्यकाल के दौरान उसने 12 बोर का हथियार धारण किया था। अब
रानीता ने संगठन में छोटे स्तर के कैडर के साथ भेदभाव और दुर्व्यवहार के कारण संगठन छोड़ दिया। उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया और इसके लिए जिला कबीरधाम के डीएसबी शाखा के कर्मचारी घनाराम सिन्हा, अभिजीत सिंह, कृपाराम, राजूलाल यादव और डीएसएफ आरक्षक ने विशेष भूमिका निभाई।
आत्मसमर्पण के बाद रानीता को पुनर्वास नीति के तहत तत्काल 25,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई और उसे अन्य सभी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की पुनर्वास नीति ने कई नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि नक्सलियों के अमानवीय विचारधारा, शोषण और अत्याचार से तंग आकर अब अधिक से अधिक युवा आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
कबीरधाम पुलिस ने नक्सल संगठन में कार्यरत सभी लोगों से अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों को हर संभव सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।