शादीशुदा महिला को प्रेमजाल में फंसा कर चार साल तक किया शोषण, अब थाने पहुंची इंसाफ की गुहार लेकर

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम धरमजयगढ़ क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाज की संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। एक विवाहित महिला को प्रेमजाल में फँसाकर चार वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। अब जब छल और अत्याचार की सीमा पार हो गई, तो टूटी हुई हिम्मत के साथ महिला धरमजयगढ़ थाना पहुंची है—जहाँ उसने आरोपी युवक के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़िता द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, बायसी कॉलोनी निवासी एक युवक जो धरमजयगढ़ में कंप्यूटर सेंटर संचालित करता है, ने उसे पहले प्रेम और साथ निभाने का झूठा सपना दिखाया। धीरे-धीरे भरोसे की डोर बनाते हुए उसने महिला को अपने जाल में फँसाया और वर्षों तक मानसिक व शारीरिक शोषण करता रहा।
महिला ने बताया कि आरोपी युवक कभी उसे जंगल के सुनसान क्षेत्रों में ले जाता, तो कभी किराये के मकानों में ले जाकर दुराचार करता था। कुछ समय बाद दोनों ने सिसरिंगा इलाके में एक मकान किराये पर लिया, जहाँ आरोपी नियमित रूप से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था।
पीड़िता ने अपने आवेदन में बताया कि युवक ने उससे संपर्क बनाए रखने के लिए उसे एक जियो भारत मोबाइल भी दिया था, जिसके ज़रिए वह लगातार बातचीत करता था। लेकिन जब उसकी असलियत सामने आई, तो उसने सारे संबंध तोड़ लिए।
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे दर्दनाक पहलू तब सामने आया, जब महिला के पति को इस रिश्ते की भनक लगी। पति ने उसे घर से निकाल दिया और सामाजिक रूप से वह पूरी तरह अकेली पड़ गई। इस दोहरी चोट से वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुकी है।
बेबस आवाज़ में उसने कहा —
> “उसने मुझे प्यार का सपना दिखाया, साथ निभाने की कसम खाई, लेकिन चार साल तक मेरे साथ खिलवाड़ करता रहा। अब सबने मुझे छोड़ दिया है। अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो जीने का कोई कारण नहीं बचेगा।”
धरमजयगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि महिला का आवेदन प्राप्त हो गया है और मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस अब आरोपी युवक की गतिविधियों और पीड़िता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की पड़ताल कर रही है।
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रेम के नाम पर छल करने वालों पर कड़ा कानून कब तक प्रभावी होगा? समाज में महिलाओं की भावनाओं से खेलना अब एक “अपराध की संस्कृति” बनती जा रही है, और इसकी कीमत महिलाएं अपने सम्मान और जीवन से चुका रही हैं।
पुलिस जांच के परिणाम का इंतजार है, लेकिन धरमजयगढ़ जैसे शांत क्षेत्र से आई यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था, बल्कि सामाजिक चेतना पर भी सवाल छोड़ जाती है।