सरपंच-सचिव ने किया लाखों रूपए गबन, घरघोड़ा एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे ग्रामीण!!
घरघोड़ा। गरीबों का राशन डकारने वालों पर प्रशासनिक मेहरबानी हमेशा से रही है। प्रदेश में करोड़ों की पीडीएस सामग्री खुले बाजार में बिक गई लेकिन एक भी दुकान संचालक पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यही सिलसिला अब भी जारी है। बैहामुड़ा पंचायत की राशन दुकान में गबन प्रमाणित होने के बावजूद दोषी सरपंच और सचिव पर कृपा की जा रही है। इससे नाराज ग्रामीण अब एसडीएम घरघोड़ा का कार्यालय घेरेंगे।
कलेक्टर को दिए आवेदन में ग्रामीणों ने बताया कि बैहामुड़ा के राशन दुकान में जांच की गई थी जिसमें 216 क्विं. चावल, 2.32 क्विं. चना, 1.24 क्विं. शक्कर और 2.38 क्विं. नमक कम पाया गया था। इसका मूल्य करीब 8.60 लाख रुपए है। मार्च हुई जांच में यह गड़बड़ी पकड़ी गई थी। इसके बाद मई और जून में भी जांच हुई। तीन महीनों की जांच में पाया गया कि दुकान से 3877.79 क्विं. चावल, 6392.38 क्विं. चना, 3804.75 क्विं. शक्कर और 1038.63 क्विं. नमक की कमी पाई गई। सरपंच नृपत सिंह राठिया, सचिव और विक्रेता गजानंद पटेल पर करीब 26 लाख के पीडीएस सामग्री गबन का आरोप लगाया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि 2020 से 2024 तक दोनों ने संपत्ति कर भी वसूला लेकिन पंचायत के खाते में जमा नहीं कराया गया। यही नहीं सरपंच ने अपने पुत्र अरुण राठिया को 3 एकड़ और चाचा मत्थू राठिया को 4 एकड़ वन अधिकार पट्टा दिया गया है जो नियम विरुद्ध है। बैहामुड़ा में आरती विजय जायसवाल ने कई एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। 31 जुलाई को ग्रामीणों ने बैहामुड़ा चौक पर प्रदर्शन भी किया था, तब एसडीएम घरघोड़ा ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पंचायत की जांच टीम भी पहुंची थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया है। उन्होंने पांच दिन के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन कर एसडीएम कार्यालय घरघोड़ा का घेराव करने की चेतावनी दी है।
विस चुनाव के पहले भाजपा के लिए राशन दुकानों में भ्रष्टाचार भी प्रमुख मुद्दा था, लेकिन सरकार बनने के बाद एकदम से सबकुछ बदल गया। अब पीडीएस घोटाले की बात कोई नहीं करता। कोई शिकायत आती भी है तो अफसरों को कोई कार्रवाई लेने से रोक दिया जाता है। पीडीएस का चावल नान के गोदामों में जमा होता है लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं!!