मिलुपारा खम्हरिया में सुबह से चक्काजाम… ग्रामीणों के द्वारा किया गया चक्काजाम,,हमेशा झूठा आश्वासन देकर प्रशासन के द्वारा खत्म करवा दिया जाता है आंदोलन!!
औद्योगिक विकास के नाम पर तमनार क्षेत्र के लोगों को जर्जर सड़क की सौगात मिल रही है। कोयले की ट्रांसपोर्टिंग बढ़ने से क्षेत्र की सड़क लगातार टूटती जा रही है। हूंकराडिपा चौक से लेकर मिलुपारा तक की सड़क बेहद खराब हो चुकी है। जर्जर सड़क और घुटने भर के कीचड़ होने से लोगों का सड़क पर चल पाना दुश्वार हो गया है। कुछ दिनों पहले गारे की महिलाओं के द्वारा चक्का जाम किए जाने के बाद आज खम्हरिया के ग्रामीणों ने भी मोर्चा खोल दिया है। एसडीम को चक्का जाम की जानकारी देने के बाद आज सुबह 8 बजे से खम्हरिया साप्ताहिक बाजार के पास ग्रामीण सड़क जाम कर धरने पर बैठ गए हैं।
गांव को तमनार से जोड़ने वाली प्रमुख सड़क
दैनिक रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए वनांचल क्षेत्र के लोगों को तमनार जाने की जरूरत पड़ती है। साथ ही साथ लैलूंगा क्षेत्र के रहवासी भी मिलुपारा तमनार की सड़क का उपयोग करते हैं। हजारों की संख्या में मिलुपारा, उरबा, पेलमा, हिंझर,कोडकेल,सेमिजोर,लालपुर के लोग उक्त सड़क से तमनार की ओर आते हैं। लेकिन वर्तमान समय में सड़क की स्थिति काफी दयनीय है। कीचड़ की वजह से सड़क में फिसल कर कई छोटी बड़ी दुर्घटनाएं रोज हो रही है। लेकिन प्रशासन और कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद लिए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
वाहनों का दबाव बढ़ने से सिसकने लगी है सड़क
तमनार क्षेत्र के अधिकतर माइंस हिंडालको, सारडा एनर्जी, अदानी,अंबुजा साहित अन्य कोल माइंस मिलुपारा के आसपास स्थित है। जहां कोयला खदान से कोयला निकाल कर भारी वाहनों से परिवहन किया जा रहा है।कोल माइंस विस्तारण की वजह से गाड़ियां भी बढ़ने लगी है, जिससे सड़क पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। भारी वाहन और ओवरलोड गाड़ियों के लगातार चलने से सड़क अब सिसकने लगी है।