भाजपा की जीत के लिए छत्तीसगढ़ के युवक ने काट कर चढ़ा दी काली मां को अपनी उँगली! हालत बिगड़ी तो अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज हुआ रिफर..
बलरामपुर, सरगुजा। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. बीजेपी के एक समर्थक ने पार्टी की जीत की मन्नत मांगी और पूरी होने पर मंदिर में जाकर देवी मां को अपनी हाथ की उंगली चढ़ा दी.
युवक की हालत बिगड़ने के बाद परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां से उसे बाद में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. हालांकि अब युवक की हालत खतरे से बाहर है.
रुझान देखकर डिप्रेशन में चले गए थे दुर्गेश
दरअसल 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे तो रुझानों में कांग्रेस की बढ़त और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर बलरामपुर जिले में विकासखंड शंकरगढ़ के डीपापाडी के रहने वाले 30 साल के दुर्गेश पांडे डिप्रेशन में चले गए.
दुर्गेश पांडे इसके बाद तत्काल सावंत सरना के प्राचीन काली मंदिर पहुंचे और बीजेपी की जीत की मन्नत मांगी. शाम को जैसे ही बीजेपी की जीत की सूचना दुर्गेश को मिली, वह रात में ही मंदिर पहुंचे और अपनी बाएं हाथ की उंगली को आधा काटकर देवी मां के चरणों में चढ़ा दिया.
दुर्गेश पांडे ने अपनी बाएं हाथ की उंगली को आधा काटकर मंदिर में चढ़ा तो दी लेकिन इसके बाद उसके हाथ से खून का बहाव बंद नहीं हो रहा था. उसने खून को रोकने के लिए उस पर कपड़ा बांधा लेकिन जब इससे भी खून का बहना कम नहीं हुआ तो जानकारी मिलने पर परिजन तुरंत उन्हें सामरी के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया.
खतरे से बाहर है दुर्गेश
प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल करने के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके खून के बहाव को रोक दिया , हालांकि देर हो जाने की वजह से उसके कटे उंगली को डॉक्टर जोड़ नहीं पाए लेकिन अब उसकी हालत सामान्य हो गई है.
400 पार होता तो दोगुनी खुशी होती
वहीं चुनाव नतीजों को लेकर दुर्गेश पांडे ने कहा, शुरूआती रुझान में कांग्रेस की जीत देखकर मैं विचलित हो गया था, कांग्रेस समर्थक काफी उत्साहित थे. मैंने अपने गांव के काली मंदिर में जाकर मन्नत मांगी , देर शाम जब भारतीय जनता पार्टी जीत गई तो मैंने जाकर अपनी उंगली काटकर अर्पित कर दिया दिया. उन्होंने कहा बीजेपी की सरकार तो बन गई पर अगर 400 पार हो जाता तो दोगुनी खुशी होती।