छत्तीसगढ़ में EV सब्सिडी पॉलिसी में बड़ा बदलाव: अब मिलेगी कम राहत, हाइब्रिड पर पूरी तरह रोक

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई सब्सिडी नीति में अहम बदलाव किए हैं। नई अधिसूचना के तहत अब अधिकतम सब्सिडी राशि ₹1.5 लाख से घटाकर ₹1 लाख कर दी गई है। यह फैसला परिवहन विभाग द्वारा जारी नई गजट अधिसूचना के साथ तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
हाइब्रिड वाहनों की सब्सिडी खत्म
नई नीति में सबसे बड़ा झटका हाइब्रिड वाहनों को लगा है। अब ऐसे वाहनों को किसी प्रकार की सरकारी छूट नहीं मिलेगी। पहले इन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में 50% सब्सिडी मिलती थी, जो अब पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।
20 लाख से ऊपर के ई-वाहनों पर नहीं मिलेगी छूट
अब ₹20 लाख से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। पहले इस दायरे में आने वाले हाई-एंड और लग्जरी ई-कार मालिकों को भी राहत मिलती थी, लेकिन नई नीति के तहत यह सुविधा भी खत्म कर दी गई है।
सब्सिडी भुगतान में देरी, ₹85 करोड़ अब भी बकाया
राज्य में वर्ष 2022 से अब तक सब्सिडी का भुगतान समय पर नहीं हुआ है। करीब 80,000 ई-वाहन खरीदारों को ₹85 करोड़ की सब्सिडी अब भी लंबित है। हालांकि, सरकार ने अब पहली किस्त के रूप में ₹30 करोड़ की राशि जारी कर दी है। अब तक कुल ₹80 करोड़ से अधिक की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है।
ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन खरीदारों को राहत
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन जैसे छोटे ई-वाहनों की सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इनकी कीमत ₹10 लाख से कम होती है, और इन्हें अब भी 10% या अधिकतम ₹1 लाख की सब्सिडी मिलेगी।
नीति में बदलाव का कारण
साल 2022 में लागू की गई EV नीति ने राज्य में ई-वाहनों की बिक्री में तेजी लाई थी। लेकिन बढ़ते सब्सिडी खर्च के चलते राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ गया था। नई नीति का उद्देश्य इसी आर्थिक बोझ को कम करना है।