रेत माफिया की काली करतूत: जनता के टैक्स पर डाका, शासन को करोड़ों का चूना!

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ (घरघोड़ा), 17 सितंबर 2025: रेत माफियाओं के काले कारनामों ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ के घरघोड़ा तमनार क्षेत्र को शर्मसार किया है। अवैध रेत तस्करी का गोरखधंधा न केवल शासन के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि जनता के टैक्स की मेहनत की कमाई को भी चूना लगा रहा है। मंगलवार रात घरघोड़ा पुलिस ने छाल के कूड़ेकेला से रेत ला रहे एक हाइवा (क्रमांक CG 13 BD 9011) को बाईपास के पास सन स्टील के सामने धर दबोचा। वाहन चालक के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला, जिसके बाद पुलिस ने इसे जप्त कर खनिज विभाग को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
गगन साहू के हाइवा पर कार्रवाई, मगर असली मास्टरमाइंड बेखौफ!
घरघोड़ा थाने के ASI पारसमणि बेहरा के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में पकड़ा गया हाइवा कथित तौर पर स्थानीय निवासी गगन साहू का बताया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई रेत माफिया के असली सरगनाओं तक पहुंच पाएगी? सूत्रों की मानें तो घरघोड़ा तमनार क्षेत्र से जुड़े कुछ सफेदपोश नेताओं का संरक्षण इस काले कारोबार को हवा दे रहा है। रेत घाटों को स्वीकृति न मिलने के बावजूद खुलेआम अवैध खनन और परिवहन जारी है, जिससे न केवल शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि एनजीटी के नियमों की भी धज्जियां उड़ रही हैं।
जनता का टैक्स, माफिया की जेब में!
रेत तस्करी का यह गोरखधंधा सीधे-सीधे जनता की जेब पर डाका है। अवैध रेत की मनमानी कीमतों पर बिक्री से माफिया मोटी कमाई कर रहे हैं, जबकि शासन को मिलने वाला राजस्व, जो सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों जैसे जनकल्याणकारी कार्यों में लगता है, सीधे तौर पर लुट रहा है। हर ट्रक रेत जो बिना रॉयल्टी चुकाए बाजार में बिकता है, वह जनता (सरकार) के टैक्स की चोरी है। यह नुकसान न केवल आर्थिक है, बल्कि पर्यावरणीय भी है। बेतरतीब खनन से नदियों का सीना छलनी हो रहा है, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।
रेत माफियाओं को विभाग का कड़ा संदेश:
अब भी समय है जागने का! यह धंधा न केवल गैरकानूनी है, बल्कि देश की जनता और पर्यावरण के खिलाफ एक जघन्य अपराध है। शासन और पुलिस की सख्ती बढ़ रही है, और हर अवैध हाइवा/ट्रैक्टर पर नजर रखी जा रही है। घरघोड़ा पुलिस की इस कार्रवाई को एक शुरुआत मानें। अगर आप नहीं सुधरे, तो जेल की सलाखें और भारी जुर्माना आपका इंतजार कर रहा है। यह जनता का पैसा है, जिसे आप लूट रहे हैं। यह पर्यावरण है, जिसे आप बर्बाद कर रहे हैं। अब भी वक्त है, अवैध रेत तस्करी छोड़ दें, वरना कानून का शिकंजा और सख्त होगा।
प्रशासन से सवाल: कब टूटेगा माफिया-नेता गठजोड़?
घरघोड़ा में रेत तस्करी का यह खेल कोई नया नहीं है। स्थानीय नेताओं और माफियाओं का गठजोड़ इस काले कारोबार की रीढ़ है। प्रशासन और खनिज विभाग को अब और सख्ती दिखानी होगी। क्या वे उन सफेदपोशों पर लगाम कस पाएंगे, जो इस गोरखधंधे को संरक्षण दे रहे हैं? जनता की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं। यह वक्त है कि रेत माफिया के इस काले साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंका जाए, ताकि जनता का टैक्स जनता के लिए ही काम आए।