Latest News

लैलूंगा में विश्व आदिवासी दिवस का भव्य आयोजन: 42 जनजातियों ने लिया हिस्सा, संविधान और अधिकारों पर जोर

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 9 अगस्त 2025: सर्व आदिवासी समाज के तत्वावधान में लैलूंगा के इंद्रप्रस्थ मिनी स्टेडियम में विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस भव्य आयोजन में 42 जनजातियों के आदिवासी समुदाय के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में आदिवासी समाज की एकता, संस्कृति, और अधिकारों की रक्षा के लिए जोरदार आवाज उठाई गई। रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, रैली, और विचार गोष्ठी ने इस आयोजन को और भी यादगार बना दिया।

संविधान और एकता पर जोर
कार्यक्रम में भारतीय संविधान प्रचारिणी सभा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह मरकाम ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय संविधान में आदिवासियों को दिए गए अधिकारों और संरक्षण के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। मरकाम ने समाज के लोगों से शिक्षित और एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “संविधान हमें हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा करने की ताकत देता है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिए और अपने हकों के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।”

दबंग आदिवासी नेता हृदयराम राठिया



मरकाम ने बस्तर से सरगुजा और रायगढ़ तक लगातार हो रहे औद्योगीकरण के प्रभावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि औद्योगीकरण के नाम पर आदिवासियों की जमीन, जल, और जंगल छीने जा रहे हैं। उन्होंने समाज के लोगों से संगठित होकर इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।

पूर्व विधायक हृदयराम राठिया का जोरदार संबोधन
आदिवासी समाज के प्रखर प्रवक्ता और पूर्व विधायक हृदयराम राठिया ने भी मंच से अपनी बात रखी। उन्होंने वर्तमान विधायक विद्यावती सिदार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हमने आपको चटनी-भजिया खाने के लिए विधानसभा नहीं भेजा है। आदिवासी समाज ने आपको चुनकर अपनी आवाज विधानसभा तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। आपका कर्तव्य है कि हमारी समस्याओं और मांगों को विधानसभा में मजबूती से उठाएं।” राठिया ने आदिवासी समाज की एकता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया। उनके जोशपूर्ण भाषण ने उपस्थित लोगों में उत्साह का संचार किया।

सांस्कृतिक रैली और प्रस्तुतियां
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रंगारंग सांस्कृतिक रैली थी, जिसमें आदिवासी समुदाय के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते हुए शामिल हुए। रैली में 42 जनजातियों के प्रतिनिधियों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित किया। पारंपरिक नृत्य, गीत, और वाद्य यंत्रों ने आयोजन में चार चांद लगा दिए। रैली के माध्यम से आदिवासियों ने अपनी एकता और गौरवशाली विरासत का प्रदर्शन किया।

आदिवासी समाज की चुनौतियां और समाधान
आयोजन में आदिवासी समाज के सामने मौजूद चुनौतियों पर भी गंभीर चर्चा हुई। वक्ताओं ने अशिक्षा, बेरोजगारी, भूमि अधिग्रहण, और वन अधिकारों के हनन जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार से मांग की कि आदिवासियों के हितों को प्राथमिकता दी जाए और उनकी जमीन, जल, और जंगल की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही, आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया गया।

सामाजिक जागरूकता और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि आदिवासी समाज की नई पीढ़ी को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान चलाए जाएंगे। फेसबुक, व्हाट्सएप, और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आदिवासी संस्कृति, इतिहास, और अधिकारों से संबंधित जानकारी साझा की जाएगी। आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और भव्य रूप से मनाने का संकल्प लिया।

लैलूंगा के इंद्रप्रस्थ मिनी स्टेडियम में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस का यह समारोह न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि आदिवासी समाज की एकता, अधिकारों, और उनकी गौरवशाली विरासत को उजागर करने का एक मंच भी साबित हुआ। राजेश सिंह मरकाम और हृदयराम राठिया जैसे नेताओं के प्रेरक संबोधनों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। यह आयोजन आदिवासियों के अधिकारों और उनकी पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।

विशेष संवाददाता योगेश चौहान की रिपोर्ट

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button