11 वें लॉट में रायगढ़ के कोल ब्लॉक्स की हुई नीलामी

अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। कोल ब्लॉक्स के दसवें लॉट की नीलामी पूरी होने के बाद कोयला मंत्रालय ने 11 वें लॉट का भी शुभारंभ कर दिया। इसमें 20 नई खदानों को रखा गया है। इसके साथ दसवें राउंड से बची हुई सात माइंस भी अलग से हैं। छग की छह माइंस को शामिल किया गया है जिसमें रायगढ़ की तीन हैं। कोयला मंत्रालय ने कमर्शियल माइनिंग के लिए नए कोल ब्लॉक्स को फिर से नीलामी के लिए उतारा है। अब तक हुई नीलामी में कई प्राइवेट कंपनियों ने कोल ब्लॉक्स हासिल किए हैं। इस वजह से कोल इंडिया के ऊपर से दबाव खत्म हो गया है। हाल ही में दसवें राउंड की कोल ब्लॉक नीलामी खत्म हुई है। इसके तुरंत बाद अब केंद्र सरकार ने 11 वां लॉट जारी कर दिया है।
इस खेप में कुल 20 कोल ब्लॉक्स को रखा गया है। इसमें छत्तीसगढ़ की चार, महाराष्ट्र की तीन, मप्र की चार, झारखंड की पांच, अरुणाचल प्रदेश की दो और ओडिशा की दो कोल ब्लॉक हैं। छग की विजय सेंट्रल, चैनपुर, बनई और भालुमुड़ा हैं। बनई और भालुमुड़ा तो रायगढ़ जिले की हैं। दोनों पहले अलग-अलग आवंटित की जाने वाली थी लेकिन अब मर्ज कर दी गई हैं। इसके अलावा सात ऐसे कोल ब्लॉक्स को भी शामिल किया गया है जो दसवें लॉट में नीलाम नहीं हो सकी थी। इसमें छग की दो, मप्र की तीन और ओडिशा की दो माइंस हैं। छग की भटगांव 2 एक्सटेंशन (बोझा) और वेस्ट ऑफ बायसी को शामिल किया गया है। वेस्ट ऑफ बायसी धर्मजयगढ़ में स्थित है।
आधा दर्जन नई माइंस होंगी शुरू
कोयला भंडार का भरपूर दोहन करने के लिए ये प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। पहले कमर्शियल माइनिंग केवल कोल इंडिया की कर रही थी। अब प्राईवेट कंपनियों को भी छूट दी गई है। आने वाले दिनों में रायगढ़ जिले में ही करीब छह नई कोयला खदानें प्रारंभ होंगी। एसईसीएल की तीन, सारडा एनर्जी की एक, महाजेंको की एक, जेएसपीएल की एक माइंस से उत्पादन पूरी क्षमता से प्रारंभ होने वाला है। अब 11 वें लॉट में रायगढ़ के तीन कोल ब्लॉक हैं।
जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️