रायगढ़ में प्रशासन का बड़ा शिकंजा: गोदामों में छिपा रखा 12 प्रकरणों में 4,447 क्विंटल धान जब्त, बिचौलियों की रातों की नींद उड़ गई

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉमbरायगढ़, 02 दिसंबर। जिले में धान के अवैध परिवहन और गोदामों में काले कारोबार की जड़ें जमाने वाले बिचौलियों और कोचियों पर जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर चलाए गए विशेष अभियान ने अवैध धान व्यापार की कमर तोड़कर रख दी है।
दो दिनों में 12 मामलों से 4,447 क्विंटल से अधिक धान जब्त किया गया, जिसकी बाजार कीमत 1 करोड़ 37 लाख रुपए से ऊपर आंकी गई है। तीन मामलों में बड़ी मात्रा में धान ओड़िशा से अंतरराज्यीय परिवहन के जरिए लाया जा रहा था, जिसे चेकपोस्टों पर पकड़ा गया।

सबसे बड़ा खुलासा—गोदामों में छिपा रखा धान, बिचौलियों की बड़ी खेपें जब्त
जांच दलों ने कई बिचौलियों के निजी गोदामों पर कार्रवाई कर भारी मात्रा में धान बरामद किया। जिसमें—
बजरंग अग्रवाल – 840 क्विंटल
त्रिलोक गर्ग – 640 क्विंटल
दीपक जिंदल – 820 क्विंटल
रजत अग्रवाल – 630 क्विंटल
लाभो दास महंत – 1,200 क्विंटल
सहित अन्य स्थानों से बड़ी खेपें पकड़ी गईं।
इन सभी पर कृषि उपज मंडी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई तेज कर दी गई है।

कुल आंकड़ा चौंकाने वाला—68 प्रकरणों में 12,454 क्विंटल धान जब्त
अब तक जिले में 68 मामलों से 12,454 क्विंटल धान बरामद हो चुका है, जिसकी कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपए से अधिक है। प्रशासन ने धान की अवैध आवाजाही रोकने के लिए 25 चेकपोस्टों पर 24×7 निगरानी व वैकल्पिक रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया है।
बिचौलियों की जड़ें उखाड़ने की तैयारी
प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई से अवैध भंडारण में शामिल बिचौलियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। कलेक्टर चतुर्वेदी ने स्पष्ट कहा है—
> “वास्तविक किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
इस सख्त रुख के बाद गोदामों में धान छिपाने वाले व्यापारियों में खलबली मची है और जिले में खरीदी प्रणाली और अधिक पारदर्शी बनती दिखाई दे रही है।
समाचार सहयोगी ओम्कारेश्वर दास