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लाइव धमकियों के बाद करणी सेना प्रमुख राज शेखावत ने किया सरेंडर, अब गृहमंत्री को भी दी खुली चुनौती

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर |

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोशल मीडिया पर लगातार बढ़ते विवाद, खुलेआम धमकियों और उग्र बयानों के बीच करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने बुधवार को मौदहापारा थाना पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। हाल के दिनों में शेखावत ने फेसबुक-लाइव के जरिए SSP रायपुर और तत्कालीन TI पुरानी बस्ती को लेकर अपशब्द कहे थे और घर घुसकर जवाब देने तक की धमकी दे डाली थी। इसी आधार पर उन पर FIR दर्ज की गई थी।

गिरफ्तारी का डर या रणनीति? — थाने पहुंचकर किया सरेंडर

शेखावत बुधवार दोपहर मौदहापारा थाना पहुंचे और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। उनके खिलाफ दर्ज FIR में IPC की गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं, जिसमें जान से मारने की धमकी, गाली-गलौज, और लोक सेवकों को डराने-धमकाने जैसे आरोप शामिल हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पिछले 48 घंटों से शेखावत लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय थे और गिरफ्तारी से पहले माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे।



हिस्ट्रीशीटर भाई—वीरेंद्र और रोहित—का ‘खुला समर्थन’

मामले की पृष्ठभूमि में रायपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित की गिरफ्तारी है। दोनों के खिलाफ हत्या, वसूली, अपहरण और ब्लैकमेलिंग जैसे 12 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने हाल ही में कार्रवाई कर वीरेन्द्र को जेल भेजा था, जिसके बाद करणी सेना प्रमुख ने तोमर बंधुओं के समर्थन में उग्र प्रतिक्रिया दी।

शेखावत ने अपने लाइव में दावा किया कि पुलिस ने ‘अन्याय’ किया और इस कार्रवाई के पीछे “उच्च स्तर की साजिश” है।



गृहमंत्री विजय शर्मा पर सीधा हमला, मोबाइल नंबर तक किया सार्वजनिक

मामला तब और बढ़ गया जब शेखावत ने अपने पोस्ट में गृहमंत्री विजय शर्मा को सीधे निशाने पर लिया।
उन्होंने लिखा—
“गृहमंत्री ने हमारी करणी सेना को गिरोह कहा है… अब देशभर के करणी सैनिक इन्हें फोन कर पूछें कि माँ करणी की सेना को गिरोह कैसे कहा।”

इसके साथ उन्होंने गृहमंत्री का मोबाइल नंबर सार्वजनिक करते हुए समर्थकों को फोन करने का ‘आदेश’ दिया।

एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा—
“SP साहब सिर्फ FIR… अरे एनकाउंटर का ऑर्डर निकालो ना!”
और आगे लिखा—
“मेरा क्षत्रिय आपकी FIR से नहीं डरता… 7 दिसंबर को लाखों क्षत्रिय आपकी तानाशाही का जवाब देंगे।”

इन पोस्टों ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी।



वीडियो में खुली धमकी—‘घर में घुसकर जवाब देंगे’

पुलिस की FIR के अनुसार, शेखावत ने लाइव में SSP और TI का नाम लेते हुए अपमानजनक भाषा का उपयोग किया।
शिकायत में यह भी दर्ज है कि उन्होंने कहा—
“हम घर में घुसकर जवाब देंगे, याद रखना…”

पुलिस इसे सोशल मीडिया पर संगठित उकसावे की श्रेणी में देख रही है।



तोमर भाइयों का काला रिकॉर्ड – 2019 से जारी आपराधिक सफर

हत्या का प्रयास

वसूली

अपहरण

ब्याजखोरी

अलग-अलग थानों में 12+ मामले

2019 में गिरफ़्तारी, फिर जमानत, फिर दोबारा सक्रिय


हाल ही में पुलिस ने दोनों को आदतन अपराधी बताते हुए कड़ी कार्रवाई की, जिसके विरोध में शेखावत मैदान में उतर आए।



राजनीतिक रंग भी गहराया

विशेषज्ञों का मानना है कि

शेखावत की पोस्टें सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश दिखती हैं।

7 दिसंबर की चेतावनी को लेकर प्रशासन सतर्क है और खुफिया विभाग को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।




पुलिस क्या कहती है?

पुलिस अधिकारियों का कहना है—

“मामला कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगा।”

“धमकियों के बावजूद कानून हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।”

“सोशल मीडिया पर उकसावे को गंभीर अपराध माना जाएगा।”




आगे क्या?

शेखावत के सरेंडर के बाद पुलिस अब

उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों,

धमकी वाले वीडियो,

और समर्थकों को उकसाने वाली पोस्टों
का डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण करेगी।


कानूनी जानकारों के अनुसार, यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो यह मामला आईटी एक्ट, IPC और पुलिस एक्ट के तहत गंभीर श्रेणी में आएगा।

Amar Chouhan

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