छत्तीसगढ़ में ISIS साइबर मॉड्यूल का पर्दाफाश — रायपुर से दो नाबालिगों की गिरफ्तारी, एटीएस की बड़ी सफलता

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर।
छत्तीसगढ़ एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने राजधानी रायपुर में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील अभियान को अंजाम देते हुए टिकरापारा इलाके से ISIS मॉड्यूल से जुड़े दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, जिनसे पता चलता है कि पाकिस्तान में संचालित ISIS का साइबर नेटवर्क भारतीय किशोरों को गुप्त रूप से निशाना बनाकर कट्टरपंथी बना रहा था।
पाकिस्तानी हैंडलरों ने इंस्टाग्राम से किया ब्रेनवॉश
एटीएस के सूत्रों के अनुसार, दोनों नाबालिग कई महीनों से ISIS-संबद्ध पाकिस्तानी हैंडलरों के संपर्क में थे। ये हैंडलर इंस्टाग्राम पर फर्जी पहचान के सहारे ‘क्लोज़ ग्रुप’ और ‘सीक्रेट चैट रूम’ बनाकर भारतीय युवाओं तक पहुँच बना रहे थे।
इन्हीं ग्रुपों में दोनों किशोरों को जोड़ा गया, जहाँ सुनियोजित तरीके से उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेला गया।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि—
नाबालिगों को हिंसक, भड़काऊ और जिहादी सामग्री लगातार भेजी जा रही थी
उन्हें छत्तीसगढ़ में ISIS का लोकल नेटवर्क खड़ा करने के लिए उकसाया जा रहा था
साइबर प्लेटफॉर्म का उपयोग ‘स्लीपर सेल’ तैयार करने की कोशिश के रूप में किया जा रहा था
साइबर मॉनिटरिंग से पकड़ी गई संदिग्ध गतिविधियाँ
एटीएस व केंद्रीय एजेंसियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध गतिविधियों की तकनीकी निगरानी की। इसी जांच के दौरान पाकिस्तानी हैंडलरों और गिरफ्तार किशोरों के बीच की डिजिटल इंटरैक्शन सामने आई।
कई चैट, डिजिटल फुटप्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर दोनों की पहचान की गई।
इसके बाद टीम ने सटीक इनपुट पर टिकरापारा में दबिश देकर दोनों आरोपी नाबालिगों को हिरासत में लिया।
पूछताछ में और खुलासों की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि—
किशोरों के मोबाइल, लैपटॉप और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच जारी है
विदेशी हैंडलरों से उनकी कितनी गहरी कनेक्टिविटी थी, इस पर जांच केंद्रित है
यह भी पता लगाया जा रहा है कि प्रदेश के अन्य जिलों में ISIS की पैठ बनाने की कोशिश तो नहीं हो रही थी
एटीएस ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियाँ या लिंक सामने आ सकते हैं।
सोशल मीडिया पर बढ़ता कट्टरपंथ: सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ISIS जैसे संगठनों के लिए नए भर्ती ज़ोन के रूप में उभर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो फर्जी आईडी, एन्क्रिप्टेड चैट और निजी ग्रुपों के जरिए किशोरों को निशाना बनाना इन मॉड्यूल्स की आम रणनीति बन चुकी है।
छत्तीसगढ़ एटीएस की यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक अहम सफलता मानी जा रही है, जिसने संभावित बड़ी साजिश को समय रहते रोक लिया।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट