23 फरवरी को होगी मेसर्स वेदांता वासरी एंड लाजिस्टिक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड की जनसूनवाई, पर्यावरण होगी प्रदूषित
रायगढ। जिले में सबसे बडे आदिवासी जमीन घोटाले की जन्म स्थली कहे जाने वाले कुनकुनी में अब इन्ही आदिवासी जमीनों पर कोयले की राख उगने लगी है। खरसिया के इस कुनकुनी गांव में आदिवासियों को खदेडकर अब यहां काले कोयले की राख बोये जा रहे हैं। मेसर्स वेदांता वासरी एंड लाजिस्टिक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड जनसुनवाई कराकर पर्यावरण विभाग और उद्योग विभाग इस गांव के साथ आधेदर्जन गांवों को बंजर बना देना चाहता है। 23 फरवरी को वेदांता कोल एण्ड लाजिस्टिक के विस्तार की जनसुनवाई रखी गई है वर्ष 2015 मे कुनकुनी जमीन घोटाले की संलिप्तता के आरोप मे चार पटवारियों को कलेक्टर ने निलंबित किया था जिसे जिले में 170 ख के तहत एक बडी कारवाई की
शुरुआत मानी जा रही थी लेकिन रसूखदारों ने अपनी पहुंच के दम पर इस घोटाले को ढंक दिया और अपने उद्योग लगाने के नाम पर सैकडो एकड आदिवासी जमीन की बेनामी खरीदी बिक्री कर ली। उस दौरान प्रशासन ने कुनकुनी गांव में 300 एकड़ आदिवासी जमीन की बेनामी खरीद बिक्री का मामला उजागर किया था। जिसमें एक नाम वेदांता कोल एण्ड लाजिस्टिक्स भी था जिसने रेलवे साईडिंग के नाम पर आदिवासियों की जमीन की अफरातफरी की थी। अब उसी
आदिवासी जमीन पर 8 वर्षो से उद्योग
चला रही वेदांता को और जमीन की आवश्यकता है ताकि वह अपने उद्योग को और बड़ा रुप दे सके।