सावन की पावन बेला में कसडोल से सत्यनारायण बाबा धाम तक कावड़ यात्रा: बाबा सत्यनारायण की कृपा का उत्सव

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम तमनार: सावन मास की पवित्र बेला में, भगवान शिव के अनन्य भक्तों का अटूट श्रद्धा और भक्ति से भरा कारवां एक बार फिर तमनार ब्लॉक के कसडोल में उमड़ेगा। यहाँ के प्राचीन घटोरिया मंदिर के समीप से बहने वाली जीवनदायिनी केलो नदी से शिव भक्त पवित्र जल लेकर रायगढ़ के कोसमनारा स्थित सत्यनारायण बाबा धाम तक कावड़ यात्रा करेंगे। यह पवित्र पदयात्रा, जो भगवान शिव और बाबा सत्यनारायण के प्रति समर्पण का प्रतीक है, 27 जुलाई 2025, रविवार को आयोजित होगी।
बाबा सत्यनारायण: भक्ति और चमत्कार का प्रतीक
कोसमनारा का सत्यनारायण बाबा धाम रायगढ़ का एक प्राचीन और चमत्कारिक तीर्थस्थल है, जहाँ भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्वरूप विराजमान है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बाबा सत्यनारायण की कृपा से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह धाम न केवल शिव भक्ति का केंद्र है, बल्कि यहाँ की शांति और दिव्यता भक्तों के मन को आलोकित करती है। सावन मास में यहाँ भक्तों का सैलाब उमड़ता है, और कावड़ यात्रा के दौरान यह स्थल आस्था और भक्ति का अनुपम संगम बन जाता है। बाबा सत्यनारायण को समर्पित यह धाम भक्तों के लिए वह पवित्र स्थल है, जहाँ जलाभिषेक और भक्ति से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
वर्ष 2011 से निरंतर जारी है यह भक्ति यात्रा
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि यह कावड़ यात्रा वर्ष 2011 से निरंतर आयोजित हो रही है, जिसमें हजारों की संख्या में शिव भक्त 27 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा कर बाबा सत्यनारायण का जलाभिषेक करते हैं। इस बार भी यह पावन यात्रा उसी उत्साह और भक्ति के साथ संपन्न होगी। रविवार की मध्यरात्रि 12 बजे, कसडोल के घटोरिया मंदिर के पास केलो नदी से गंगाजल से भरी कावड़ को कंधों पर उठाकर शिव भक्त “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयघोष के साथ अपनी यात्रा शुरू करेंगे। सुबह के प्रथम प्रहर में कोसमनारा बाबा धाम पहुँचकर भगवान शिव के पवित्र शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे और बाबा सत्यनारायण की कृपा प्राप्त करेंगे।
भक्ति और आस्था का अनुपम संगम
यह कावड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि बाबा सत्यनारायण और भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था का जीवंत प्रतीक है। कंधों पर कावड़ और मन में भोलेनाथ की भक्ति लिए, हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होकर अपने जीवन को बाबा सत्यनारायण की कृपा से आलोकित करते हैं। यात्रा के दौरान रास्ते में गूंजने वाले भक्ति भजनों, “हर हर महादेव” और “बाबा सत्यनारायण की जय” के उद्घोष से पूरा वातावरण शिवमय और भक्तिमय हो उठता है।
आयोजन समिति का आह्वान
आयोजन समिति ने सभी शिव भक्तों से इस पवित्र कावड़ यात्रा में शामिल होने का आह्वान किया है। समिति के सदस्यों ने कहा, “यह यात्रा भगवान शिव और बाबा सत्यनारायण के प्रति हमारी श्रद्धा और भक्ति का उत्सव है। हम सभी भक्तों से अनुरोध करते हैं कि वे इस पावन अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और बाबा सत्यनारायण का आशीर्वाद प्राप्त करें।”
सावन की महिमा और जलाभिषेक का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस मास में कावड़ यात्रा और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विषपान किया था, और देवताओं ने गंगाजल अर्पित कर उनके विष के प्रभाव को शांत किया था। तभी से कावड़ यात्रा की परंपरा शुरू हुई, जिसमें भक्त पवित्र नदियों से जल लेकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। कोसमनारा बाबा धाम में जलाभिषेक का विशेष महत्व है, क्योंकि यहाँ बाबा सत्यनारायण की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति व समृद्धि का वास होता है।
शिव भक्तों के लिए प्रेरणा
यह कावड़ यात्रा न केवल शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का परिचय देती है, बल्कि भक्तों के बीच एकता, भाईचारे और भक्ति की भावना को भी प्रबल करती है। रास्ते में सेवा शिविरों और भक्तों के उत्साह से यह यात्रा और भी भव्य हो उठती है। बाबा सत्यनारायण की कृपा और भगवान शिव की भक्ति से यह यात्रा हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाती है।
आइए, इस सावन मास में हम सभी भगवान भोलेनाथ और बाबा सत्यनारायण की भक्ति में लीन होकर कसडोल से सत्यनारायण बाबा धाम तक की इस पवित्र कावड़ यात्रा में शामिल हों और उनके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें।