एनएचएम कर्मियों की हड़ताल तेज, 25 नेताओं की बर्खास्तगी के विरोध में 19 हजार कर्मचारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मियों की जारी हड़ताल ने प्रदेश में नया मोड़ ले लिया है। सरकार ने बुधवार को हड़ताल को कमजोर करने के लिए प्रदेशभर के 25 नेताओं को बर्खास्त कर दिया, जिनमें रायगढ़ जिले के जिलाध्यक्ष और सचिव भी शामिल हैं।
नेताओं की बर्खास्तगी के विरोध में प्रदेशभर के 19 हजार एनएचएम कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बावजूद उनका हौसला कमजोर नहीं पड़ा और शुक्रवार को हड़ताली कर्मियों ने केलो नदी में एनएचएम का प्रतीकात्मक पुतला विसर्जित कर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
पिछले 19 दिनों से शहीद विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में डटे एनएचएम कर्मियों ने अस्पताल छोड़कर आंदोलन को और धार दी है। उनका कहना है कि संविदा नियुक्ति व्यवस्था एक तरह की शोषण प्रथा है, जिसमें आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण होता है। कर्मियों ने नदी किनारे संविदा शोषण प्रथा का पुतला विसर्जित कर यह संदेश दिया कि अब इस व्यवस्था का अंत होना चाहिए और एनएचएम कर्मचारियों को न्याय मिलना चाहिए।
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों में डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट और अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। ये सभी पिछले 20 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं और लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनकी 10 सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण, समान काम के लिए समान वेतन, ग्रेड पे और अनुकंपा नियुक्ति प्रमुख हैं।
एनएचएम कर्मियों का आरोप है कि सरकार की उदासीनता और वादाखिलाफी ने उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।