लैलूंगा क्षेत्र में पहली बार झंडी मुंडी वाले जुए का खुला खेल! किसके संरक्षण में खुलेआम सज रही जुए की महफ़िल!?
लक्ष्मी पूजा (मेला) कार्यक्रम में फड़ लगा कर खुला जुवा खेल!!
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़।- आज से लैलूंगा क्षेत्र के आस पास भी गाँव में मेले का सीजन आते ही खुड़खुड़िया जुए की महफ़िल सजनी शुरू हो गयी। पहले इस तरह का जुआ अन्य क्षेत्र में या यूँ कहें की इस क्षेत्र में इस तरह का जुआ नहीं होता रहा पर अब अन्य क्षेत्र में अंकुश लगने के बाद लैलूंगा क्षेत्र में भी यह जुआ पैर पसार रहा है। खुड़खुड़िया एक ऐसा जुआ है जिसमे लाखों के दांव एक रात एक मेले में लगते हैं ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता है कि उक्त क्षेत्र के आस पास लगने वाले मेलों में कितने लाख का वारा न्यारा किया जा सकता है। कई क्षेत्रों में हर साल किसी भी मेले में खुड़खुड़िया जुआ का आयोजन अब इतनी आम बात हो चली है कि पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे मेलो में बकायदा अलग से खुड़खुड़िया जुए का बाजार बैठा दिया जाता है जहां शाम से देर रात तक खुलेआम जुआ चलाकर स्थानीय पुलिस प्रशासन को चुनौती दे दिया जाता है ।
खुड़खुड़िया वालो से वसूली जा रही प्रोटेक्शन मनी , कौन कौन हिस्सेदार
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेले से पहले ही खुड़खुड़िया वाले सेटिंग जमा लेते है। बिना परेशानी के खुड़खुड़िया जुआ खिलाने की छूट के बदले मोटी प्रोटेक्शन मनी वसूल की जाती है। जाहिर सी बात है जब दांव लाखों के हो तो प्रोटेक्शन मनी के नाम पर वसूली जाने वाली रकम भी मोटी ही होती होगी जिसमे समिति से लेकर स्थानीय प्रशासन के लोंगो तक सबका हिस्सा रहता होगा। इस तरह प्रोटेक्शन मनी के नाव में बैठकर खुड़खुड़िया जुआ मेले में फलता फूलता है और गरीबो की जमा पूंजी लूटती रहती है ।
पुलिस प्रशासन का नहीं दिख रहा खुड़खुड़िया वालों में भय
खुड़खुड़िया खिलाने वालो में पुलिस प्रशासन का तनिक भी भय नजर नही आता ये बड़े अचरज की बात है कि खुलेआम पट्टी बिछा कर, टोकरी में गोटियाँ उलट पलट कर जुआ खिलाने वाले इतने बेखौफ कैसे हो सकते हैं? जाहिर सी बात है कि पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे ऐसे जुए की महफ़िल कुछ विशेष इंतजाम से बिना डर भय के सजती होगी। हमारे सूत्र बताते हैं कि खुड़खुड़िया जुए की प्लानिंग में कुछ लोग भी शामिल होते हैं जो पुलिस प्रशासन और जुआरियों के बीच लाइजनर का कार्य कर इस जुए की बुरी रस्म को निर्विघ्न सम्पन्न कराने में अहम भूमिका निभाते हैं ।
खुड़खुड़िया जुआ का मनोवैज्ञानिक पक्ष
खुड़खुड़िया जुए में लाखों हारने के बाद भी लोग क्यों इस जुए को खेलने बेकरार दिखते हैं इस पर जब हमने कुछ विशेषज्ञों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि खुड़खुड़िया का कांसेप्ट ही ऐसा है कि देखकर हर आदमी को लगता है कि वो इसमे जीत सकता है । इस जुए को बनाया ही ऐसा गया है कि खिलाड़ी कभी न जीत पाए । इक्का दुक्का खिलाड़ी ही इसमे जीतेंगे क्योंकि इस खेल को खेलना शुरू करते ही मानसिकता ऐसी बनती है कि इसमें बड़ी रकम जीती जा सकती है फिर रकम डबल, ट्रिपल करने के चक्कर में लोग अपना मूलधन भी गंवा बैठते है ।
फोटो क्रेडिट मुन्नाराज/बद्रीनाथ मरावी
जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️