रायगढ़ में छठ महापर्व पर अभद्र टिप्पणी का बवाल: पत्रकार चंद्रकांत उर्फ टिल्लू शर्मा के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज, गिरफ्तारी की मांग तेज

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ | 3 नवंबर 2025
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में छठ महापर्व जैसे पवित्र पर्व को लेकर की गई अमर्यादित टिप्पणी ने सामाजिक माहौल को गर्मा दिया है। सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने वाले पत्रकार चंद्रकांत उर्फ टिल्लू शर्मा के खिलाफ उत्तर भारतीय समाज — विशेषकर भोजपुरी, मगही और मैथिली समुदाय — ने तीखा विरोध जताया है। दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 और 299 के तहत गैर-जमानती अपराध दर्ज कर लिया है।
विवाद की जड़: सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी
मिली जानकारी के अनुसार, चंद्रकांत शर्मा उर्फ टिल्लू शर्मा स्वयं को ‘साप्ताहिक टूटी कलम’ का संपादक और न्यूज़ पोर्टल IND24 का जिला प्रतिनिधि बताते हैं। हालांकि स्थानीय पत्रकारिता जगत में उनका नाम विवादों से नया नहीं है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर छठ महापर्व को लेकर अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसने रायगढ़ में रह रहे उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के मूल के लोगों की भावनाओं को गहराई से आहत किया।
यह मामला उस समय सामने आया जब शहर में पहले से ही संत समाज और धार्मिक प्रतीकों के अपमान को लेकर तनाव का माहौल था — ऐसे में टिल्लू शर्मा की पोस्ट ने “आग में घी डालने” का काम किया।

समाज का आक्रोश, सैकड़ों लोग पहुंचे एसपी ऑफिस
टिल्लू शर्मा के खिलाफ 30 अक्टूबर को ही महादेव छठ घाट समिति के अध्यक्ष की शिकायत पर आवेदन दिया गया था। चार दिन बीतने के बावजूद जब कार्रवाई नहीं हुई तो सोमवार को बड़ी संख्या में भोजपुरी समाज और उत्तर भारतीय संगठनों के सदस्य जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे।
सैकड़ों की भीड़ ने नारेबाजी करते हुए आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की।
एसपी रायगढ़ ने समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और आरोपी पर FIR दर्ज की जा चुकी है।
दो गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज
कोतवाली पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद चंद्रकांत शर्मा उर्फ टिल्लू शर्मा पर BNS की धारा 196 (धार्मिक भावनाएं भड़काने) और धारा 299 (सामाजिक सौहार्द्र भंग करने) के तहत अपराध दर्ज किया है। दोनों ही धाराएं गैर-जमानती हैं।
फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
पत्रकारिता की आड़ में विवादों की फसल
स्थानीय पत्रकारिता जगत के जानकारों का कहना है कि चंद्रकांत शर्मा पहले भी अभद्र भाषा और उत्तेजक पोस्ट के लिए विवादों में रह चुके हैं। सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बने रहने की उनकी प्रवृत्ति ने कई बार समाज में वैमनस्य फैलाने का काम किया है।

समाज का अल्टीमेटम: गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन
भोजपुरी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी 48 घंटों में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई तो रायगढ़ बंद और शांतिपूर्ण आंदोलन किया जाएगा। समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने कहा कि छठ महापर्व केवल बिहार-झारखंड का नहीं, बल्कि पूरे भारत का लोकपर्व है — इसका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रायगढ़ जैसे सांस्कृतिक नगर में लगातार धार्मिक और सामाजिक सौहार्द्र को तोड़ने वाले बयान और पोस्ट सामने आना चिंताजनक है। पत्रकारिता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक है, लेकिन जब वही स्वतंत्रता समाज को बांटने और भावनाएं भड़काने का माध्यम बन जाए — तो यह न केवल पत्रकारिता के मूल्यों पर प्रश्नचिह्न है, बल्कि समाज की एकता पर भी आघात है। प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धर्म या संस्कृति के नाम पर नफरत फैलाने की हिम्मत न कर सके।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट