बीएस स्पंज आयरन में हादसा: फर्नेस ब्लास्ट से क्रेन ऑपरेटर की दर्दनाक मौत, उद्योगों में हादसों का सिलसिला जारी

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में औद्योगिक हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में पूंजीपथरा थाना क्षेत्र के तराईमाल स्थित बीएस स्पंज आयरन कंपनी में फर्नेस नंबर 7 में ब्लास्ट होने से क्रेन ऑपरेटर दीपक कुमार (26 वर्ष), मूल निवासी मधुपुरा, बिहार, की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के दौरान दीपक क्रेन संचालित कर रहा था, तभी फर्नेस में जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज से घबराकर उसका संतुलन बिगड़ा और वह गर्म स्लैग में जा गिरा, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। कंपनी प्रबंधन ने उसे तत्काल रायगढ़ के अपेक्स हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन गहन उपचार के बावजूद दीपक जिंदगी की जंग हार गया।
हादसे का विवरण और प्रबंधन की लापरवाही
सूत्रों के अनुसार, यह हादसा बीएस स्पंज आयरन के फर्नेस नंबर 7 में हुआ, जहां दीपक ईओटी क्रेन का संचालन कर रहा था। अचानक हुए ब्लास्ट ने पूरे प्लांट में अफरा-तफरी मचा दी। हादसे के बाद अन्य कर्मचारियों ने डर के कारण काम रोक दिया। गर्म स्लैग में झुलसने के बाद दीपक को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। जूटमिल पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा है, और केस डायरी पूंजीपथरा थाने को भेजी जा रही है। पूंजीपथरा थाना प्रभारी राकेश मिश्रा ने बताया कि केस डायरी प्राप्त होने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जानकारों का कहना है कि इस हादसे की मुख्य वजह कंपनी में सुरक्षा इंतजामों की कमी थी। अगर प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों का पालन किया होता, तो शायद दीपक की जान बच सकती थी। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि प्रबंधन की लापरवाही और हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके।
उद्योगों में हादसों का बढ़ता आंकड़ा
छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में स्टील और स्पंज आयरन प्लांटों में हादसे आम हो गए हैं। हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करती हैं। कुछ प्रमुख हादसों पर नजर डालें:
1. मां मनी आयरन एंड इस्पात प्लांट, रायगढ़ (मई 2025): पूंजीपथरा थाना क्षेत्र में फर्नेस ब्लास्ट से चार श्रमिक झुलस गए, जिनमें से दो, रामानंद साहनी और अनुज कुमार, की रायपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। कंपनी ने मृतकों के परिजनों को सात-सात लाख रुपये मुआवजा दिया, लेकिन परिजनों ने इसे अपर्याप्त बताया।
2. सिंघल एनर्जी, तराईमाल, रायगढ़ (नवंबर 2019): फर्नेस में स्लैग तोड़ने के दौरान गर्म मेटल गिरने से क्रेन ऑपरेटर कृष्णा चौहान की मौत हो गई, और दो अन्य मजदूर घायल हुए। हादसे में जल्दबाजी और सुरक्षा उपायों की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया।
3. एमएसपी प्लांट, रायगढ़ (अगस्त 2024): क्रेन ऑपरेटर गर्म आयरन लिक्विड की चपेट में आने से जिंदा जल गया। मजदूर संघ ने हादसे के बाद हंगामा किया, और प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठे।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा
उपरोक्त आंकड़े दर्शाते हैं कि औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा उपायों की कमी और प्रबंधन की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान जोखिम में है। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्नेस ब्लास्ट, गर्म स्लैग का रिसाव, और क्रेन दुर्घटनाएं अक्सर अपर्याप्त प्रशिक्षण, पुराने उपकरण, और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी के कारण होती हैं। बीएस स्पंज आयरन हादसे में भी यही बात सामने आई है कि अगर सुरक्षा इंतजाम दुरुस्त होते, तो दीपक की जान बच सकती थी।
पुलिस की जांच से हादसे के सटीक कारणों का पता चलने की उम्मीद है। साथ ही, मजदूर संगठनों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि नियमित ऑडिट और कड़े नियमों के जरिए ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए, ताकि मजदूरों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।