प्रभारी सचिव बने (RAEO) अधिकारियों ने सचिव संघ के आंदोलन को दिया नैतिक समर्थन

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। पंचायत सचिवों की हड़ताल लगातार बड़े आंदोलन का रूप लेती जा रही है। पिछले एक महीने से नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे सचिवों को मनाने की प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। अब इस आंदोलन को अन्य कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है।
छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ ने पंचायत सचिवों के आंदोलन को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है। संघ ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सचिव संघ की अनिश्चितकालीन काम बंद–कलम बंद हड़ताल को समर्थन दिया है। इससे पहले भी कई जिलों में पंचायत सचिवों की गैरमौजूदगी के चलते पंचायतों का कामकाज प्रभावित हुआ है, जिसके चलते पटवारी, शिक्षक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, महिला एवं बाल विकास पर्यवेक्षक और रोजगार सहायकों को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा रही है।

गौरतलब है कि पंचायत सचिव 17 मार्च से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सचिव संघ का कहना है कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद नियमितीकरण का वादा किया गया था और “मोदी की गारंटी” के तहत 100 दिन में मांगें पूरी करने का दावा किया गया था। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे आक्रोशित होकर सचिवों ने आंदोलन तेज कर दिया है।
हाल ही में पंचायत संचालनालय द्वारा सचिवों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का नोटिस जारी किया गया था, नोटिस की प्रति जलाकर सचिवों ने अपना विरोध जताया रहा। अब सचिवों ने आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाते हुए नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है, और अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो पंचायत स्तर पर विकास कार्यों के पूरी तरह ठप पड़ने की आशंका है।