रायगढ़ में सनसनीखेज ब्लैकमेलिंग कांड: दोस्ती के नाम पर युवक से 18 हजार ऐंठे, शादी का दबाव और जान से मारने की धमकी

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 28 अगस्त 2025: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर में दोस्ती के नाम पर ब्लैकमेलिंग का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर में सनसनी मचा दी है। कोतरा रोड निवासी 21 वर्षीय हिमांशु सिंह ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि एक युवती ने पहले उससे दोस्ती का नाटक किया, फिर 18,000 रुपये ऐंठे और अब शादी का दबाव बनाकर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां दे रही है। इस मामले ने डिजिटल युग में ब्लैकमेलिंग के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।
दोस्ती से शुरू हुई साजिश
हिमांशु सिंह ने पुलिस को बताया कि अक्टूबर 2024 में वह कोतरा रोड स्थित एक टू-व्हीलर शोरूम में काम करता था। यहीं उसकी मुलाकात एक युवती से हुई, जिसने पहले से जानने का दावा कर उससे दोस्ती की। धीरे-धीरे युवती ने हिमांशु का भरोसा जीता और उससे 18,000 रुपये नकद ले लिए। इसके बाद उसने अपना असली चेहरा दिखाया। युवती ने फोन कॉल और व्हाट्सएप चैट के जरिए हिमांशु पर शादी का दबाव बनाना शुरू किया। जब हिमांशु ने इससे इनकार किया, तो युवती ने धमकियां देनी शुरू कर दीं।
हिमांशु ने अपनी शिकायत में कहा, “उसने मुझे रेप केस में फंसाने, एसटी-एससी एक्ट लगवाने और मेरे परिवार को गुंडों से नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। उसने कहा कि उसके पहचान वाले गुंडे मेरे घर तक पहुंच जाएंगे और मुझे जान से मार देंगे। मैं डर के साए में जी रहा हूं। मैंने कोई गलती नहीं की, सिर्फ उस पर भरोसा किया था।”
डिजिटल सबूत बने हथियार
हिमांशु ने पुलिस को व्हाट्सएप चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग सौंपे हैं, जिनमें युवती की धमकियां स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। इनमें युवती द्वारा अलग-अलग नंबरों से दी गई धमकियां और ब्लैकमेलिंग के सबूत शामिल हैं। इन डिजिटल साक्ष्यों को जांच में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में चैट, कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक लेन-देन जैसे साक्ष्य दोषी को सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और FIR
कोतवाली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की है। युवती के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 308(4) के तहत FIR दर्ज की गई है। कोतवाली थाना प्रभारी ने बयान जारी कर कहा, “मामले की जांच तेजी से चल रही है। पीड़ित द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों की गहन पड़ताल की जा रही है। दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस ने युवती द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों की जांच शुरू कर दी है और उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।
शहर में हड़कंप, सोशल मीडिया पर चर्चा
इस सनसनीखेज मामले ने रायगढ़ में हड़कंप मचा दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे डिजिटल ब्लैकमेलिंग का नया और खतरनाक ट्रेंड बता रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता अनिता शर्मा ने कहा, “ऐसे मामले युवाओं के लिए खतरे की घंटी हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दोस्ती और भरोसे का दुरुपयोग बढ़ रहा है। पुलिस को न केवल दोषी को सजा दिलानी चाहिए, बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए।”
ब्लैकमेलिंग का बढ़ता खतरा
यह मामला डिजिटल युग में ब्लैकमेलिंग के बढ़ते खतरे को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए अपराधी पहले भरोसा जीतते हैं, फिर पैसे ऐंठने या व्यक्तिगत लाभ के लिए धमकियां देते हैं। खासकर युवा इस तरह के जाल में आसानी से फंस जाते हैं। रायगढ़ में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन इस घटना ने समाज में भरोसे की नींव को हिलाकर रख दिया है।
बड़े सवाल और भविष्य
इस मामले ने कई सवाल खड़े किए हैं:
– क्या रायगढ़ पुलिस पीड़ित हिमांशु को समय पर न्याय दिला पाएगी?
– दोस्ती और भरोसे के नाम पर ब्लैकमेलिंग का यह सिलसिला कब तक चलेगा?
– क्या कानून इस तरह के डिजिटल अपराधों पर पूरी तरह शिकंजा कस पाएगा?
पुलिस और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर नजीर पेश की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें। स्थानीय लोग भी इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।