गैंगरेप की दिल दहलाने वाली घटना: 7 आरोपी गिरफ्तार, CCTV ने खोला राज

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
जांजगीर-चांपा, 1 अक्टूबर 2025: नवरात्रि के पवित्र अवसर पर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के चांपा शहर में मानवता को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक अकेली युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात ने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध किया, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण: क्रूरता की हदें पार
जानकारी के अनुसार, 28 अक्टूबर 2025 की देर रात नायक नर्सिंग होम के समीप कुछ असामाजिक तत्वों ने युवती को घर छोड़ने के बहाने जबरन अपने साथ ले गए। आरोपियों ने उसे पौनी पसारी योजना के तहत गौरव पथ पर स्थित एक सुनसान और खंडहरनुमा जगह पर ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। अंधेरे का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने पीड़िता को बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए।
पीड़िता का साहस और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
इस अमानवीय कृत्य के बाद पीड़िता ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की। फुटेज में सामने आए बाइक नंबरों के आधार पर पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही घटना में प्रयुक्त तीन बाइकों को भी जब्त किया गया है।
उपेक्षा का शिकार पौनी पसारी योजना
स्थानीय लोगों ने बताया कि पौनी पसारी योजना के तहत बनाए गए गौरव पथ पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन रखरखाव के अभाव में यह क्षेत्र खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस उपेक्षित स्थान का फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं, जो इस तरह की जघन्य वारदातों को अंजाम देने के लिए सुरक्षित ठिकाना मानते हैं।
जिले में आक्रोश, उठ रहे सवाल
इस घटना ने जांजगीर-चांपा जिले में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। लोग प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों ऐसी जगहें असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बन रही हैं। नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व के दौरान हुई इस वारदात ने सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है।
नवरात्रि उत्सव पर छाया संकट
जिले में नवरात्रि के उत्साह के बीच यह घटना एक काले धब्बे की तरह सामने आई है। हाल ही में गरबा नाइट 3.0 के आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी और प्रशासन की निष्क्रियता ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके अलावा, जिले में भ्रष्टाचार, रेत माफिया और अन्य अनियमितताओं के आरोपों ने भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
आगे क्या?
इस घटना के बाद पुलिस ने भले ही त्वरित कार्रवाई की हो, लेकिन यह समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि उपेक्षित स्थानों को सुधारकर और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगाया जाए।
जांजगीर-चांपा अब इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा है कि आखिर कब तक मासूमों को इस तरह की क्रूरता का शिकार होना पड़ेगा? यह घटना न केवल एक अपराध की कहानी है, बल्कि समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता और व्यवस्था की कमियों का आईना भी है।