रायगढ़ के अमलीभौना में संगीत महाविद्यालय के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन
रायगढ़, 7 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक नगरी रायगढ़ में कला और संगीत के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। अमलीभौना में उच्च शिक्षा विभाग को कला एवं संगीत महाविद्यालय की स्थापना के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई है, जो रायगढ़ के युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगी। यह पहल न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगी, बल्कि संगीत सम्राट महाराज चक्रधर सिंह की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी आगे बढ़ाएगी, जिन्होंने शास्त्रीय कला और संगीत को वैश्विक पहचान दिलाई।
महाराज चक्रधर सिंह की विरासत को सलाम
रायगढ़, जिसे संगीत और कला की धानी के रूप में जाना जाता है, महाराज चक्रधर सिंह के योगदान के लिए विश्वविख्यात है। उन्होंने शास्त्रीय संगीत और नृत्य को न केवल संरक्षित किया, बल्कि इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उनके नाम पर आयोजित होने वाला चक्रधर समारोह हर साल कला प्रेमियों को आकर्षित करता है। इस समारोह के 39वें संस्करण के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अमलीभौना में संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की, जो महाराज चक्रधर सिंह की सांस्कृतिक विरासत को और सशक्त करेगी।
युवाओं के लिए नया करियर विकल्प
आज के दौर में युवा केवल मेडिकल या इंजीनियरिंग जैसे पारंपरिक करियर विकल्पों तक सीमित नहीं हैं। कई युवा संगीत, नृत्य और कला के क्षेत्र में अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं, लेकिन विधिवत शिक्षा के अभाव में उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। रायगढ़ में कला और संगीत महाविद्यालय की स्थापना इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उच्च शिक्षा विभाग को आवंटित पांच एकड़ जमीन पर जल्द ही इस महाविद्यालय का निर्माण शुरू होगा, और विभाग ने अतिरिक्त जमीन की मांग भी की है ताकि इसे और व्यापक बनाया जा सके।
रायगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को नया आयाम
रायगढ़ पहले से ही अपनी कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। महाराज चक्रधर सिंह ने रायगढ़ को शास्त्रीय संगीत और नृत्य का केंद्र बनाया, और अब यह महाविद्यालय उनकी विरासत को जीवंत रखते हुए नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा। यह संस्थान युवाओं को संगीत और कला में औपचारिक शिक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे इस क्षेत्र में अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकेंगे। इससे न केवल स्थानीय प्रतिभाएं उभरेंगी, बल्कि रायगढ़ का नाम वैश्विक मंच पर और गूंजेगा।
भविष्य की संभावनाएं
इस महाविद्यालय के स्थापित होने से रायगढ़ के युवाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा। यह संस्थान कला और संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही, यह रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चक्रधर समारोह के मंच से इस पहल को रायगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
रायगढ़ के लिए यह नया कला और संगीत महाविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि महाराज चक्रधर सिंह की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने और युवाओं के सपनों को साकार करने का एक जीवंत प्रतीक होगा।