छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे का मामला: सरपंच पर नजरअंदाजी का आरोप

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, छत्तीसगढ़: जिला रायगढ़ के तहसील पुसौर अंतर्गत ग्राम पंचायत तुरंगा में शासकीय भूमि पर बने खेल मैदान पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। ग्रामवासियों का आरोप है कि आर्ष गुरुकुल आश्रम संस्था द्वारा इस शासकीय भूमि पर अनधिकृत रूप से कब्जा किया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने ग्राम पंचायत के सरपंच को सीमांकन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन सरपंच ने इस आवेदन को नजरअंदाज कर दिया। ग्रामवासियों का कहना है कि खेल मैदान, जो बच्चों और युवाओं के लिए सामुदायिक उपयोग की महत्वपूर्ण संपत्ति है, पर अवैध कब्जे से गांव का सार्वजनिक हित प्रभावित हो रहा है।

ग्रामवासियों की शिकायत, प्रशासन मौन
ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि सरपंच की निष्क्रियता के कारण यह समस्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि सीमांकन के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों ने अब इस मामले को तहसील और जिला प्रशासन तक ले जाने की बात कही है। उनका कहना है कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
कानूनी प्रावधान और कार्रवाई की मांग
भारतीय कानून के तहत, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा गैर-कानूनी है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता और बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम जैसे कानूनों के तहत ऐसी शिकायतों पर तहसीलदार या जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। ग्रामवासियों ने मांग की है कि तुरंगा के खेल मैदान का सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाया जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
स्थानीय नेतृत्व पर सवाल
ग्रामवासियों ने सरपंच की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उनकी जिम्मेदारी थी कि वे इस मामले को गंभीरता से लें। सरपंच द्वारा आवेदन को नजरअंदाज करने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के कारण यह अतिक्रमण बेरोकटोक जारी है।
प्रशासन से हस्तक्षेप की अपील
ग्राम तुरंगा के निवासियों ने जिला प्रशासन और तहसील कार्यालय से अपील की है कि इस मामले की तत्काल जांच की जाए। वे चाहते हैं कि खेल मैदान को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
इस मामले में सरपंच या आर्ष गुरुकुल आश्रम संस्था की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय प्रशासन से इस मुद्दे पर कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।
विशेष संवाददाता पी एन प्रधान की रिपोर्ट