कांदागढ़ राशन घोटाले में चार आरोपी गिरफ्तार, PDS दुकान संचालकों के लिए सख्त चेतावनी

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, छत्तीसगढ़। पुसौर विकासखंड के कांदागढ़ स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान में वर्ष 2018 में हुए सनसनीखेज राशन घोटाले ने शासकीय खाद्यान्न वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। चावल, शक्कर, नमक और केरोसिन की भारी मात्रा में हेराफेरी के इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। यह कार्रवाई सभी PDS दुकान संचालकों के लिए एक कड़ा संदेश है कि शासकीय संपत्ति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घोटाले का खुलासा
सहायक खाद्य अधिकारी अंजनी कुमार राव ने पुसौर थाने में दर्ज शिकायत में बताया कि कांदागढ़ की शासकीय उचित मूल्य दुकान में जून, जुलाई और अगस्त 2018 के दौरान सचिव कृषचंद कर्ष (मृत), सरपंच श्रीमती सोमती सिदार, गौरहरि निषाद, टिकेश्वर सेठ और प्रशांत सेठ ने शासकीय खाद्यान्न—232.38 क्विंटल चावल, 14.53 क्विंटल शक्कर, 4.16 क्विंटल नमक और 1369 लीटर केरोसिन—का वितरण न कर शासकीय अमानत में खयानत की। इस गड़बड़ी से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। तत्कालीन खाद्य निरीक्षक राजन कश्यप की 24 अगस्त 2018 की जांच रिपोर्ट और कार्यालयीन पत्र (क्रमांक 946/खाद्य पीडीएस/2024, दिनांक 06 फरवरी 2025) के आधार पर पुसौर थाने में अपराध क्रमांक 168/2025, धारा 409, 34 भादवि और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7 के तहत मामला दर्ज किया गया।
कठोर पुलिस कार्रवाई
विवेचना में गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर गौरहरि निषाद (40 वर्ष), टिकेश्वर सेठ (53 वर्ष), प्रशांत सेठ (25 वर्ष), और श्रीमती सोमती सिदार (50 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। सभी आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया। तत्कालीन सचिव कृषचंद कर्ष की मृत्यु हो चुकी है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक रामकिंकर यादव, सहायक उप-निरीक्षक उमाशंकर विश्वाल और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
1. गौरहरि निषाद, उम्र 40 वर्ष, पिता मंगल निषाद
2. टिकेश्वर सेठ, उम्र 53 वर्ष, पिता गुनुराम सेठ
3. प्रशांत सेठ, उम्र 25 वर्ष, पिता टिकेश्वर सेठ
4. श्रीमती सोमती सिदार, उम्र 50 वर्ष, पति स्व. विजय सिदार
(सभी निवासी: कांदागढ़, थाना पुसौर, जिला रायगढ़, छ.ग.)
PDS संचालकों के लिए चेतावनी
यह घोटाला गरीबों के हक पर डाका डालने का गंभीर मामला है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राशन वितरण में किसी भी तरह की अनियमितता को बख्शा नहीं जाएगा। सभी PDS दुकान संचालकों को चेतावनी दी जाती है कि वे पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ कार्य करें, अन्यथा कठोर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जांच एजेंसियां अब ऐसी दुकानों पर कड़ी नजर रख रही हैं, और नियमित ऑडिट के साथ सख्ती बढ़ाई जा रही है।
सामाजिक प्रभाव
यह घटना गरीब परिवारों के लिए आवंटित राशन सामग्री की लूट को दर्शाती है, जिसने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।
संपादकीय टिप्पणी: यह मामला PDS प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है। प्रशासन को न केवल दोषियों को सजा दिलानी चाहिए, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त निगरानी तंत्र स्थापित करना होगा। PDS संचालकों को यह समझना होगा कि गरीबों का हक छीनना न केवल अपराध है, बल्कि सामाजिक विश्वास को तोड़ने का घिनौना कृत्य भी है।