अपैक्स बैंक में ओएसडी ने नोडल अधिकारी को दिए थे जांच के आदेश, बोनस से लेकर हर तरह के भुगतान में किसानों से हुई उगाही
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। अपेक्स बैंक की हर ब्रांच में भ्रष्टाचार चरम पर है। कोई भी ब्रांच मैनेजर ऐसा नहीं बचा जिस पर गंभीर आरोप न लगे हों। पुसौर ब्रांच के मैनेजर और सहायक पर भी अवैध उगाही की शिकायत आई थी जिस पर नोडल अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन बैंक ने अपने अधिकारी को बचाने के लिए यह जांच भी नहीं होने दी। अपेक्स बैंक की बरमकेला ब्रांच में चार करोड़ के गबन का प्रकरण अब तक अंतिम पायदान तक नहीं पहुंचा है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई के अलावा एफआईआर भी दर्ज की जानी है लेकिन मुख्यालय ही इस घपले को दबा रहा है। किसानों और समितियों के एकाउंट से रकम निकालकर हड़पने वालों को बचाने के लिए रोज नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। सहकारिता विभाग को उसके अधिकार वाली समितियों के एकाउंट की डिटेल नहीं दी गई। अब दूसरे ब्रसंच के घपले भी सामने आ रहे हैं।
पुसौर के अपेक्स बैंक ब्रांच में मैनेजर सीपी नामदेव और सामान्य सहायक आनंद तिवारी का एक मामला सामने आया है। किसानों ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि किसानों से हर काम के एवज में अवैध राशि मांगी जाती है। बारदाना भुगतान, एटीएम बनाने, बोनस भुगतान के एवज में किसानों को परेशान किया जाता है। किसानों और समिति कर्मचारियों द्वारा राशि जमा करते समय हर बार नकदी में कुछ रकम कम होने की बात कही जाती है जबकि राशि पूरी होती है। वहीं जब बैैंक कैशियर भुगतान करता है तो 2-3 नोट कम ही होते हैं लेकिन आपत्ति करने पर दुव्र्यवहार कर भगा दिया जाता है। ब्रांच मैनेजर भी कैशियर को बचाने में लग जाते हैं।
मृत किसान के नॉमिनी को भुगतान के लिए कई चक्कर लगवाए जाते हैं। कई दस्तावेजों की मांग की जाती है। इससे बचने के लिए ब्रांच मैनेजर सीपी नामदेव द्वारा रुपयों की मसंग की जाती है। किसानों को ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए नो ड्यूस सर्टिफिकेट में साइन के बदले 200 रुपए मांगे जाते हैं। बोनस राशि जल्द भुगतान के एवज में एक किसान से 3000 रुपए तक की वसूली होती है। इस पर आपत्ति करने ब्रांच मैनेजर कहते हैं कि ऊपर तक देना पड़ता है। किसानों ने सीपी नामदेव और आनंद तिवारी पर कार्रवाई की मांग की थी। इसकी जांच के आदेश ओएसडी ने नोडल अधिकारी सुनील सोढ़ी को जांच के आदेश दिए थे। इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
अपेक्स बैंक मुख्यालय के अधिकारी ही ब्रांच में अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं। गबन के इतने अधिक मामले आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब बरमकेला ब्रांच में 4 करोड़ का गबन करने वाले निलंबित ब्रांच मैनेजर डीआर वाघमारे, एकाउंटेंट, लिपिक आदि के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। समितियों के एकाउंट से गायब रकम में हिस्सा पाने वाले समिति प्रबंधक बेखौफ होकर गड़बड़ी कर रहे हैं। इस बार की धान खरीदी और लोन वसूली में वही प्रबंधक फिर से घपले कर रहे हैं।
(वर्तमान सत्र में रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक मुख्यालय में भी अपैक्स बैंक के शाखा की शुरुआत हो गई है)