अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा: पुत्र की हत्या के दोषी पिता को उम्रकैद की सजा

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा,01 अगस्त 2025। अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा के न्यायाधीश श्री अभिषेक शर्मा ने पुत्र गोपाल मांझी की हत्या के मामले में अभियुक्त रतिराम मांझी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 1,000 रुपये के अर्थदंड का आदेश दिया। न्यायालय ने मृतक के विधिक वारिसों को विधिक सेवा प्राधिकरण, रायगढ़ के माध्यम से 1,00,000 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की अनुशंसा भी की।
मामले का विवरण इस प्रकार है: थाना धरमजयगढ़ अंतर्गत चौकी रैरूमा खुर्द के अपराध क्रमांक 116/2019 के अनुसार, 19-20 जुलाई 2019 की मध्यरात्रि करीब 1 बजे अभियुक्त रतिराम मांझी और उसके पुत्र गोपाल मांझी के बीच दूसरी शादी को लेकर विवाद हुआ। गोपाल द्वारा दूसरी शादी का विरोध करने पर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और वे गांव के हुड़ार झोरखा की ओर चले गए। कुछ देर बाद रतिराम घर लौटा और अपनी बहू गोंदा बाई को बताया कि उसने गोपाल को हुड़ार झोरखा के पास बुरी तरह पीटा है। इसके बाद रतिराम फरार हो गया।
गोंदा बाई ने अपने चाचा-ससुर अनिल मांझी के साथ घटनास्थल पर जाकर देखा तो गोपाल बेहोश अवस्था में पड़ा था। उसके चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान थे और वह खून से लथपथ था। उसे तत्काल पत्थल गांव अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गोंदा बाई की शिकायत पर थाना पत्थल गांव में मर्ग कायम किया गया। चूंकि मामला धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र का था, प्रकरण की डायरी वहां स्थानांतरित की गई।
चौकी प्रभारी धनीराम राठौर ने मामले की सूक्ष्म विवेचना की। साक्षियों के बयान दर्ज कर अभियुक्त रतिराम मांझी को गिरफ्तार किया गया और धारा 302 भादंसं के तहत चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी साक्षियों के बयान, साक्ष्य और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों का परीक्षण किया।
राज्य की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने प्रभावी पैरवी की। साक्ष्यों और तर्कों के आधार पर न्यायालय ने रतिराम मांझी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई।
http://अन्य अधिक खबरों के लिए क्लिक करें https://amarkhabar.com/