समाज सेवी शिक्षक स्व. एस. पी. गुप्ता के श्रद्धांजलि शोक सभा में शामिल हुए हजारों लोग
रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत ग्राम धौंराभांठा क्षेत्र के प्रखर समाज सेवी से.नि.शिक्षक स्व. सुकरू प्रसाद गुप्ता के एकादशकर्म में आयोजित श्रद्धांजलि शोक सभा उनके निवास गृह में आयोजित किया गया , जिसमें हजारों की संख्या में शिक्षक गण, गणमान्य नागरिक,बुद्धिजिवी,समाज सेवी जन उपस्थिति रहे। कार्यक्रम की शुरुआत स्व. एस.पी.गुप्ता के छाया चित्र पर पुष्प माला अर्पित कर, दीप प्रज्वलित कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देकर किया गया।
शोकसभा में उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों ने गुप्ता जी के आर्दशों, विचारों एवं सकारात्मक सोच को अपने उद्बोधन में वितार से सुनाया। जिसमें तमनार से आये वर्तमान गायत्री परिवार से जुड़े से.नि.प्रा. शिक्षक जनकराम साहू ने स्व. गुप्ता के जीवन परिचय को अपने उद्बोधन में बताया कि- स्मृतिशेष लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षक सुकरू प्रसाद गुप्ता ग्राम धौराभाँठा (तमनार) 71 वर्ष 7 माह 4 दिनों की आयु में दिनाँक 22/02/2024 के रात्रि में अपने पंच भौतिक काया का परित्याग कर ब्रम्हलीन हो गए। आपके देहावसान से हम व्यथीत एवं निःशब्द है। आपके निधन से गांव में ही नहीं पूरे क्षेत्र में शोक संव्याप्त है। मन में पछतावा सा हो रहा है कि एक नेक दिल इंसान इस दुनिया से फिर कभी वापस न आने के लिए चला गया, लेकिन विवस एवं मायुस होकर ईश्वरीय विधान व कूर-काल के कठोर संघात को स्वीकार करना ही यथेस्ठ जान पड़ता है।
स्व गुप्ता जी ग्राम टपरंगा (तमनार) में एक प्रतिष्ठित गुप्ता परिवार में दिनांक 11/05/1952 को जन्म लिए थे। आप एम.ए.बी.एड. की उपाधि पं. रविशंकर वि.वि. रायपुर से प्राप्त कर शिक्षक बने थे। आप अपने पीछे पुत्री चन्द्रकला – मुकुन्द प्रसाद (शिक्षक) पुत्र भुपेन्द्र गायत्री (शिक्षिका) पुत्री सुनीता डिलेश्वर प्रसाद (शिक्षक) तथा चि. लोकेश एवं सह धर्मिणी गुरूवारी गुप्ता व अनुज रवि शंकर गुप्ता को रोता बिलखता छोड़ गोलोक धाम के लिए प्रस्थान कर गए ।
गुप्ता जी विद्वान, शिक्षाविद, नेतृत्ववान शिक्षक थे। शैक्षणिक दायित्व के साथ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्तर पर सचिव एवं अन्तराष्ट्रीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी जैसे गुरूत्तर दायित्वों का निर्वहन करते हुए शिक्षा के गुणात्मक विकास व शिक्षकों के हक में शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ठ कराते रहे हैं। शिक्षा के बड़े-बड़े आयोजनों, सम्मेलनों, सेमिनारों में क्षेत्रीय शिक्षकों की सहभागिता कराना स्मरणीय है। सेवा निवृत्ति पश्चात छ.ग. पेंशनधारी कल्याण संघ से भी जुड़े रहे, एवं संघ की गतिविधियों में संलग्न रहे हैं।
गुप्ता जी के नेतृत्व में धौराभांठा- रायगढ़ मार्ग को पक्की सड़क बनवाने हेतु सरकार से लगातार मांग करना, धरने में बैठना एवं अन्ततः मांगे मनवाकर पक्की सड़क बनवाना, शासकीय सेवा में रहकर इस प्रकार का कार्य करना आपके अदम्य साहस एवं निर्भिकता का परिचायक है। यद्यपि इसके लिए शासन का कोप भाजन का दंश आपको झेलना पड़ा फिर भी आप अडिग रहे यह भी हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगा। गुप्ता जी धौराभांठा क्षेत्र में एक महाविद्यालय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय के लिए सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर शासन से मांग करते रहे, धरने पर भी बैठे किन्तु आपकी यह अभिलाषा पूर्ण हो न सकी और आप अलविदा कर गए ।
श्री गुप्ता जी एक मृदुभाषी, मिलनसार, संघर्षशील, निर्भिक, जिन्दादिल इंसान थे। आपके मानवीय दृष्टिकोण विषम परिस्थितियों में भी अपने वसुलों से समझौता न करना, दृढ़ता, जिन्दगी के प्रति समरसता आदि दुर्लभ गुण हमारे लिए अनुकरणीय एवं अविस्मरणीय रहेगा।
महाप्रयाण की इस एकादशकर्म पर बोझिल मन और सजल नेत्रों से हम आपको श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, साथ ही शांति, सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी करते हैं।
शोक सभा में उपस्थित अपने वक्ताओं ने अपने तर्कानुसार श्रीगुप्ता के किए गए प्रयास जो क्षेत्र के रोड़, स्वास्थ्य, शिक्षा को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रयास किया है। उद्बोधन कीड़ी में गुप्ता के साथी से.नि. शिक्षक चंद्रमणी ठेठवार, से.व्या.शिक्षक बनमाली प्रसाद सिदार, से.नि.शि. भवानी शंकर बेहरा, प्राचार्य दिनेश चौधरी, विजय पटनायक, अश्विनी पटनायक, परमानंद पटनायक, सी.पी.गुप्ता, अमलसाय राठिया, प्रफुल्ल गुप्ता, विवेक बेहरा, यशपाल बेहरा,कमल पटेल आदि थे, जिन्होंने गुप्ता के किए कार्यों को दोहराया, साथी शिक्षक भवानीशंकर बेहरा कहा कि स्व सुकरू प्रसाद गुप्ता ने मित्रों एवं परिजनों के हृदय में स्थान प्राप्त कर लिया था, वह अपना एस पी गुप्ता, सुकरू प्रसाद गुप्ता उपलब्धियों एवं आर्दश के रूप में अपना नाम भावी पीढ़ियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर छोड़ गए हैं, हमें ऐसे व्यक्ति पर गर्व है, वे हमारे समाज की गौरव थे, भाईयों हमारे मित्र स्व एसपी गुप्ताजी एक ऐसे ही व्यक्ति थे जो अपने सदगुणों के कारण अमर रहेंगे, समाज उनका स्मरण युगों तक करता रहेगा, गुप्ता जी का जीवन एक खुली हुई किताब के समान है हम सब उनकी कार्यकलापों से भली भांति परिचित रहे हैं, उनका एक आखिरी सपना था कि धौंराभांठा में कॉलेज महाविद्यालय खोलवाना है, इसके लिए उन्होंने अपना हजारों, लाखों रुपए निजी खर्च कर चूके थे, मैं आप लोगों से सनम्र प्रार्थना करता हूँ कि उनके इस कार्य पूरा करने का सब मन बनायें, अंत में मैं यही कहना चाहूंगा कि एस पी गुप्ता जी का.जीवन सभी दृष्टिकोण सार्थक रहा उन्होंने ने खुब कार्य किया और पूर्ण सम्मान पाया, हम उनके आर्दश जीवन से प्रेरणा ग्रहण करें और उसकी तरह समाज को अधिक अच्छा बनाने का प्रयास करें..धन्यवाद।
क्षेत्रिय नेता सुरेन्द्र सिंह सिदार ने कहा स्व गुप्ता का सपना धौंराभांठा में महाविद्यालय का था,उसे निश्चित ही पूरा करने का प्रयास ही वरन हम सबको एक साथ होकर पूरा करना है। इसके लिए हम सब बाध्य होंगे। स्व गुप्ता के हर कार्य साथ रहे पत्रकार अशोक सारथी ने बताया कि उनकी अपनी एक अलग ही सोच था कि हमारे क्षेत्र के गावों-घरों से गरीब से गरीब तबके के बच्चे भी आसानी से घर की रूखी-सूखी भोजन खाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सभी क्षेत्र अधिकारी कर्मचारी बनकर क्षेत्र के साथ-साथ समुचे देश के विभिन्न विभागों में जाकर सेवा कर पूरे आदिवासी अंचल के साथ देश का नाम को रोशन करे। हमेशा से ही स्व गुप्ता सर ने क्षेत्र के युवाओं के लिए, क्षेत्र के विकास के लिए अनेक प्रयास किया जो एक साधारण व्यक्ति नहीं कर सकता, ऐसा सोच, विचार, परोपकार की भावना रखने वाला एक महानआत्मा ही हो सकता है, ऐसी व्यक्तियों की कभी मृत्यु नहीं होती, वे अपने महान कार्यों से ईतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। स्व एस.पी.गुप्ता गुरूजी मेरे लिए एक आदर्श- प्रेरणा श्रोत, पिता समान थे, मुझे हमेशा उनकी कमी महसूस होता रहेगा।