रायगढ़ में किसान और प्रशासन आमने-सामने, बिजली टावर निर्माण का ग्रामीणों ने किया विरोध

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ : बिना मुआवजा भुगतान के किसान की जमीन में बिजली टावर लगाने की कोशिश, 3213 आम पेड़ों के मुआवजे की मांग को लेकर किसान अड़ा रहा, ग्रामीणों ने की नारेबाजी, प्राइवेट कर्मचारियों को खेत में घुसने से रोका, तहसीलदार, थाना प्रभारी और सीएसपीटीसीएल के अधिकारी मौके से लौटे खाली हाथ…।
रायगढ़ के पुसौर में किसान और प्रशासन के बीच टकराव
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुसौर तहसील के ग्राम कौवाताल और पुटकापुरी में मंगलवार को एक बड़ा विवाद उस वक्त खड़ा हो गया जब छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (CSPTCL) ने एक किसान की जमीन पर बिना पूरी मुआवजा राशि दिए बिजली का टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू की।
किसान ने लगाया आरोप: बिना सहमति के टावर निर्माण
किसान ने आरोप लगाया कि उसके खेत में बिना सहमति और बिना मुआवजा भुगतान के टावर खड़ा किया जा रहा है। किसान का कहना है कि उसके 3775 आम वृक्षों में से केवल 562 पेड़ों का मुआवजा दिया गया है, जबकि 3213 पेड़ों का भुगतान शेष है।
क्या है पूरा मामला?
किसान ने जानकारी दी कि दिनांक 06 अप्रैल 2023 को अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के आदेश पर संबंधित अधिकारियों की टीम ने बाग में मौजूद आम वृक्षों की गणना की थी, जिसमें 3775 वृक्ष पाए गए। इसके बाद दिनांक 15 जून 2023 को अनुविभागीय अधिकारी रायगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 427/अ.वि.अ./2023 के माध्यम से मुआवजा भुगतान का आदेश भी दिया गया था। फिर भी आज तक शेष 3213 आम वृक्षों का मुआवजा नहीं मिला, जिससे नाराज किसान और ग्रामीणों ने विरोध दर्ज किया।