पर्यावरण मंत्री के गृह जिले में ही लोग प्रदूषण से त्रस्त! तीन दिनों से बैठे हैं धरने पर.. घरघोड़ा के TRN एनर्जी का मामला..
रायगढ़। छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के गृह जिले रायगढ़ में ही उद्योगों से होने वाले प्रदूषण से लोग त्रस्त है। प्रदूषण की मार ऐसी की अब लोगो को सड़क पर उतरना पड़ रहा हैं और धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं।
ऐसा ही एक ताजा मामला जिले के घरघोड़ा ब्लॉक के TRN एनर्जी का है। जहां से निकलने वाली फ्लाई ऐश डस्ट के कारण आधा दर्जन गांव प्रभावित है। उनका कहना है कि वे तीन दिन से प्लांट के गेट के बाहर धरने पर बैठे हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी कोई पहल नहीं की गई।
लोकल मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक घरघोड़ा ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम भेंगारी में लगी टीआरनएन की चिमनियों के अलावा उनकी गर्म राख के उडऩे से आसपास के रहवासियों का जीना दुभर हो गया।
इस मामले में को लेकर कई बार गांव के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया। जिसके कारण अब नाराज ग्रामीण बड़ी संख्या में उद्योग के सामने धरने में बैठ गए हैं। जिनमें बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं भी शामिल है।
(यह खबर आज नवीन कदम, जनकर्म और इस्पात टाइम्स में फ्रंट पेज पर छपी है।)
आधा दर्जन गांव प्रभावित
टीआरनएन उद्योग के फैलते प्रदूषण तथा उद्योग से निकलने वाली फ्लाई एश के कारण ग्रामी भेंगारी सहित आसपास के आधा दर्जन गांव के लोग खासे परेशान है। चूंकि सुबह व शाम तेज हवाओं के साथ उड़ती फ्लाई एश से न केवल महिलाएं परेशान है बल्कि पूरे गांव के लोग उससे फैल रही बीमारी के अलावा पीने के पानी तक को तरस रहे हैं।
कानून को रखा ताक पर
बताया जा रहा है कि टीआरनएन सभी नियम कानून को ताक में रखकर उद्योग से निकलने वाली राख को गांव के आसपास डंफरों के माध्यम से फेंकता है। जिसके कारण ग्राम भेंगारी तथा आसपास के कई गांव इस फ्लाई एश के कहर से जूझते आ रहे हैं।
तीन दिनों से बैठे हैं धरने पर
ग्रामवासियों ने बताया कि बीते तीन दिनों से वे टीआरनएन उद्योग के सामने धरने में बैठे हुए है और इसकी जानकारी घरघोड़ा ब्लाक के प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जिले के कलेक्टर को भी है लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण इस उद्योग के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
लगातार सांस व बीमारी से पीड़ित हो रहे ग्रामवासी
पीड़ित ग्रामीण बताते हैं कि हवा में उड़ती फ्लाई एश से सांस लेना भी दुभर हो गया है। उनके पीने का पानी भी प्रदूषण होनें के साथ-साथ गांव के तालाब पर भी इसका खासा असर पड़ा है। गर्म राख के कारण बीमारी से कई लोग पीडित भी हैं, जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा के लिये अस्पताल भी भेजा गया है। फैलते प्रदूषण को रोकने के लिये कोई पहल नही होनें से अब गांव के लोग आरपार की लडाई लडने को तैयार है और उनका आंदोलन जब तक चलेगा जब तक उनकी मांगे प्रशासनिक अधिकारी पहल नही करेंगे।