ग्राम बरौद के एसईसीएल विस्थापित परिवारों ने विस्थापन लाभ को लेकर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार को किया पत्र-व्यवहार
एसईसीएल के धीमी कार्यसैली एवं सोऐ हुऐ प्रबंधन को मांगे पूरी नही होने पर दी आन्दोलन चेतावनी
घरघोड़ा। ग्राम बरौद थाना तह.-घरघोड़ा जिला-रायगढ़ राज्य छ.ग. वनांचल क्षेत्र मे ग्राम बरौद बसा हुआ है ग्राम मे अनुसूचित जनजाति परिवार – 202 अनुसूचित जाति परिवार -13 अन्य पिछड़ा वर्ग परिवार 87 एवं अन्य 37 परिवार कुल-331 परिवार निवासरत है जो की भारत सरकार की उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड की विभागीय कम्पनी साउथ ईस्ट कोलफील्ड्स लिमिटेड SECL द्वारा रायगढ़ क्षेत्र के बरौद विस्तार परियोजना हेतु कोयला धारक क्षेत्र अर्जन एवं विकास अधिनियम 1957 की धारा 9(1) की अधिसूचना SO.3133 का भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 25.12.2010 के तहत् निजी भूमि – 395.542 हेक्टेयर शासकीय भूमि -76.222 हेक्टेयर वन भूमि – 238.373 हेक्टेयर तथा आबादी भूमि- 9.713 हेक्टेयर कुछ भूमि -719.85 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर ग्राम बरौद को कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना निति 2012 के तहत् 331 परिवारों को विस्थापन किया जाना है कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना निति 2012 के अन्तर्गत जो परिवार पुनर्बसाहट स्थल के अलावा स्वेच्छा से अन्यत्र जगह बसाहट लेना चाहते है ऐसे परिवारों के लिए राशि रुपया 03 लाख प्रति परिवार एकमुश्त देने का प्रावधान है जिसको लेकर ग्रामीण ना ख़ुश हैं और विस्थापन लाभ एसईसीएल के कोरबा जिले के गेवरा ,दीपका , कुसमुंडा परियोजना के संचालित परियोजना के तर्ज़ पर प्रति वयस्क पात्र परिवार को 10 लाख एवं अतिरिक्त पारितोषिक / प्रोत्साहन राशि बोनस के रूप में 05 लाख देने का एसईसीएल निदेशक मंडल बिलासपुर द्वारा 08.08.2022 को 03 लाख पर संसोधन किया गया है और एसईसीएल के बाकि क्षेत्रों के लिए बसाहट राशि विस्थापन लाभ केवल और केवल 03 लाख ही है एसईसीएल के केवल तीन परियोजनाओं के लिए विशेष पुनर्वास निति लागू करना न्याय संगत निति विरूद्ध है कोल इंडिया लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है जो सदैव भारत सरकार की निति व नियमों का पालन करता है एक ही उपक्रम में दो या अलग अलग निति बना कर अन्य क्षेत्रों के विस्थापित परिवारों के जीवन के साथ खेलवाड एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है । विदित हो की कोल इंडिया लिमिटेड का Rehabilitation & Resettlement POLICY 2008 लाया गया 2008 POLICE को 05 वषों में संसोधन कर कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (Rehabilitation & Resettlement POLICY ) 2012 लाया गया जो अभी तक 12 वषों तक निरंतर जारी है जो संसोधन किया जाना चाहिए (Rehabilitation & Resettlement POLICY 2012 ) में निर्धारित विस्थापन लाभ बसाहट राशि 03 लाख को लेकर संसोधन किये जाने की मांग लम्बे समय से रायगढ़ जिले के बरौद परियोजना के विस्थापित परिवार एवं कोरबा जिले के सराईपाली परियोजना के ग्राम बुडबुड़ के द्वारा लम्बे समय से मांग जारी है प्रबंधक प्रतिनिधि मंडल एवं ग्रामीणों के बीच कई लिखित समझौता तथा मुख्यालय लेबल पर उच्च स्तर बैठक भी हुआ है जिस पर एसईसीएल के आलाअधिकारियों द्वारा 03 लाख विस्थापन लाभ के अतिरिक्त 05 लाख एक्सग्रेसिया / प्रोत्साहन बोनस राशि देने का अन्य क्षेत्रों के तर्ज़ पर लिखित आश्वासन दिया गया जो सालों से एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में मांगा लंबित है जिस सन्दर्भ मे प्रभावित क्षेत्रों को महाप्रबंधक के प्रतिनिधि मण्डलों द्वारा अनुमोदित हेतु प्रस्ताव भेजा गया है , मुख्यालय में विचारधीन है , प्रस्तुत किया गया है , प्रक्रियाधीन है , सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा जल्द निर्णय अपेक्षित है , निर्णय हेतु विचार किया जा रहा है इस प्रकार से प्रभावित परिवारों को सालों के जवाब तलब जानकारी देते आ रहे है ग्रामीणों ने इस सन्दर्भ मे भारत सरकार व राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रीयो को विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी के सन्दर्भ में पत्र व्यवहार किया गया जिस पर ग्रामीणों ने लिखा है की
हमें आशा ही नही पूर्ण विश्वास हैं की हमारी एक सुत्रीय मांग विस्थापन लाभ बसाहट राशि बढ़ोत्तरी को लेकर शासन की ओर से इस सबंध मे आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर उचित कार्यवाही करेंगे ताकि विस्थापित परिवार आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास में सुधार व संर्वगिण विकास हो सके एवं विकास की मुख्य धारा में जुड़ सकें ।
ग्रामीणों ने की राधेश्याम राठिया सांसद रायगढ़ क्षेत्र से की मुलाकात ग्रामीणों के निवेदन पर विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी के संबंध में केन्द्रीय कोयला मंत्री को लिखा पत्र एवं मुलाकात कराने तथा विस्थापित परिवारों के लिए गंभीर मुद्दा है उच्च स्तरीय अधिकारियों से बात कर मांग पूर्ण कराने का आश्वासन दिया ।