एसईसीएल अधिकारी पहुंचे थे ग्रामीणों को मनाने नाकाम लौटे अधिकारी

सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा – विस्थापन लाभ बढ़ोतरी को लेकर ग्राम बरौद के एसईसीएल प्रभावित परिवार लंबे समय से एसईसीएल प्रबंधन से मांग कर रहे हैं और संघर्षरथ है विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर 03 सालों के ग्रामीण संघर्ष कर रहें है विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी को लेकर एसईसीएल अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई बार लिखित समझौता होने के कारण भी आज तक ग्रामीणों की मांग पर ग्रामीणों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया गया है ग्रामीणों द्वारा 1 अप्रैल2025 को ऊर्जाधनी भूविस्थापित कल्याण समिति एव ग्राम पंचायत बरौद के नेतृत्व में 1 अप्रैल 2025 को CMD कार्यालय बिलासपुर का घेराव कर विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी का ज्ञापन सौंपा गया था और मांगे पूरी नहीं होने पर 16 अप्रैल 2025 को बरौद परियोजना पर खदान बंदी , आंदोलन, हड़ताल का आवाहन किया गया था जिसको लेकर एसईसीएल प्रबंधन के उप क्षेत्रीय प्रबंधक एवं खान प्रबंधक ग्रामीणों को मनाने पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने उप क्षेत्रीय प्रबंधक की एक भी बात नहीं सुनी और कहा की हमने एसईसीएल बिलासपुर CMD को ज्ञापन दिया है तो सी एम डी का जवाब चाहिए । एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी ने ग्रामीण एवं आंदोलनकारीयों को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण नीचे लेवल के अधिकारियों की बात को मानने से इनकार कर दिया क्योंकि बार-बार लगभग 3 सालों से क्षेत्र लेवल के अधिकारी ग्रामीणों को विस्थापन लाभ बढ़ोतरी के संदर्भ में हमेशा ही भ्रमित जानकारी दे कर गुमराह करते आ रहे हैं अब ग्रामीण उच्च लेवल के अधिकारी व जिला पुनर्वास समिति के अध्यक्ष कलेक्टर महोदय से बात करेंगे की विस्थापन लाभ बढ़ोतरी का मुद्दा सालों से लंबित है और विस्थापन लाभ 03 लाख के अतिरिक्त पारितोषिक प्रोत्साहन राशि अतिरिक्त 5 लाख प्रदान किया जाए जो एसईसीएल के मेघा प्रोजेक्ट गेवरा दिपका, कुसमुंडा पर पारितोषिक प्रोत्साहन राशि 5 लाख लागू किया गया है । जब एसईसीएल के अन्य परियोजनाओं पर प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है तो बरौद परियोजना के विस्थापित परिवारों को क्यों नहीं हमको भी अपना मौलिक अधिकार मिलना चाहिए अन्यथा ग्रामीण 16 अप्रैल 2025 को आंदोलन खदान बंदी करेंगे और दिन-रात भूखे प्यासे बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांग पर सरातात्मक निर्णय नहीं लिया जाता।