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प्रतिबंधित मार्ग पर अनियंत्रित भारी वाहन की टक्कर से युवक की दर्दनाक मौत: शिनाख्त की चुनौती, स्थानीय समुदाय में उबाल

अज्ञात मृतक

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। सराईपाली, 14 अक्टूबर 2025: एक बार फिर सड़क सुरक्षा की अनदेखी ने एक निर्दोष जीवन छीन लिया। गेरवानी और सराईपाली के बीच ग्राम पाली के निकटवर्ती मार्ग पर, जहां भारी वाहनों का प्रवेश पहले से ही प्रतिबंधित है, एक अज्ञात भारी वाहन की चपेट में आकर एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना बीती रात करीब 8 बजे की है, जब अंधेरा छाने लगा था और सड़क पर यातायात की रफ्तार बढ़ रही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, युवक सड़क किनारे पैदल चल रहा था, तभी तेज रफ्तार में आते हुए वाहन ने उसे कुचल दिया। वाहन चालक मौके से फरार हो गया, जिससे जांच में जटिलताएं बढ़ गई हैं।

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस दल मौके पर पहुंचा और शव को कब्जे में लिया। प्रारंभिक जांच में युवक की उम्र करीब 25-30 वर्ष अनुमानित की गई है, लेकिन उसकी शिनाख्त अब तक नहीं हो पाई है। उसके पास कोई पहचान पत्र नहीं मिला है और मोबाइल लॉक बताया जा रहा है, जो पहचान प्रक्रिया को और मुश्किल बना रहा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है, जहां मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकता है कि मौत तत्काल हुई या चोटों की वजह से।

यह दुर्घटना महज एक संयोग नहीं, बल्कि लंबे समय से चली आ रही समस्या का नतीजा लगती है। इस मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन प्रवर्तन की कमी के चलते ट्रक और अन्य भारी वाहन बेधड़क दौड़ते रहते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह इलाका ग्रामीण है, जहां सड़कें संकरी हैं और पैदल यात्री, साइकिल सवार या दोपहिया वाहन चालक अक्सर खतरे में रहते हैं। कुछ दिन पहले ही, इसी समस्या को लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जोरदार धरना दिया था। उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि भारी वाहनों पर सख्ती से रोक लगाई जाए, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।

सोमवार को स्थिति और गंभीर हुई, जब स्थानीय नेताओं और समुदाय के सदस्यों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सड़क सुरक्षा के उपायों की मांग की गई थी, जिसमें चेकपोस्ट लगाना, स्पीड ब्रेकर स्थापित करना और नियमित गश्त शामिल था। प्रशासन ने 7 दिनों की मोहलत दी थी, जिसके बाद ग्रामीण हड़ताल पर उतरने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन मोहलत पूरी होने से पहले ही यह हादसा हो गया, जिसने स्थानीय लोगों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। एक स्थानीय निवासी, राजेश गुप्ता, ने बताया, “हम बार-बार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। अब एक जान चली गई, क्या और इंतजार करेंगे?”

यह घटना सड़क सुरक्षा के व्यापक मुद्दे पर सवाल खड़े करती है। छत्तीसगढ़ जैसे ग्रामीण इलाकों में, जहां विकास कार्यों के चलते भारी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं अपर्याप्त हैं, ऐसी दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि केवल प्रतिबंध लगाने से काम नहीं चलेगा; प्रभावी प्रवर्तन, जागरूकता अभियान और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार जरूरी हैं। स्थानीय समुदाय अब हड़ताल की तैयारी में जुट गया है, और यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।

पुलिस ने अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति युवक की शिनाख्त में मदद कर सकता है, तो निकटतम थाने में संपर्क करें। इस बीच, परिवार की तलाश जारी है। यह घटना एक चेतावनी है कि सड़कें जीवन की कीमत पर नहीं चलनी चाहिए।

Amar Chouhan

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