NTPC तिलाईपाली घरघोड़ा में प्रभावित बेरोजगार ग्रामीणों ने रेल के सामने सो कर किया भारत सरकार के उपक्रम के खिलाफ प्रदर्शन, 18 नवंबर से शुरू हुआ रेल रोको आंदोलन देखें एक्सक्लुसिव वीडियो..
एनटीपीसी से प्रभावित 9-10 गाँव के ग्राम रायकेरा, साल्हेपाली, नयारामपुर, नयाडीह, सुदुरमीड़ा, बिच्छीनारा, तिलाईपाली, चोटीगुडा और अजीतगढ़ के ग्रामीण रायकेरा चौक पर 15 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन बैठे हुए थे जो की आंदोलन के चौथे दिन 18 नवंबर को NTPC की रेल पटरी पर उतर आए और आंदोलन को तेज कर दिया गया आपको बता दें की इनकी जमीन एन.टी.पी.सी. तलाईपाली कोल माईन्स में चली गई है जहाँ की ठेका कम्पनी के.सी.सी.एल., टी.आर.सी., वी.पी.आर. बी.जी.आर. एवं पी.सी.पटेल कंपनी कोयला खनन का कार्य करती है। कुछ साल पहले कम्पनी और ठेकेदार कम्पनी में नौकरी लगने की बात कह कर यहाँ कोयला खनन के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया परंतु आज पर्यन्त तक कई प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार नही दिया गया है, पूरी तरह प्रभावित होने पर भी क्षेत्र के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं इसलिए प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं द्वारा अब आंदोलन को उग्र करते हुए रेल कारिडोर में बैठ कर कोयला (माल गाड़ी) परिचालन बाधित कर दिया गया।
आंदोलनरत ग्रामीणों का कहना है की कंपनी में प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं के द्वारा नौकरी की मांग करने पर कंपनी में नौकरी के लिए जगह खाली नहीं है कहा जाता है लेकिन उपरोक्त प्रबंधन और कंपनीयों में दूसरे राज्यों के व्यक्तियों को नौकरी दिया जा रहा है जिससे प्रभावित ग्रामीण कंपनी के रवैये से काफ़ी दुखी एवं क्षुब्ध हैं वहीं धरना प्रदर्शन के 4 दिन बीत जाने के बाद भी महारत्न कम्पनी या प्रशासन की ओर से कोई हालचाल जानने या जवाब देने नहीं आया है जिससे काफ़ी आक्रोषित भी हैं। प्रभावित ग्राम के बेरोजगार युवाओं को एन.टी.पी.सी. या ठेकेदार कम्पनी में तत्काल नौकरी दिया जावे तथा कोल माईन्स कंपनी में प्रभावित ग्रामों के शिक्षित युवाओं को कार्यालय में रोजगार दिया जावे ऐसी मांग पर बेरोजगार ग्रामीण अब भी अड़े हुए हैं।
कंपनी में प्रभावित सभी ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को योग्यता अनुसार रोजगार नहीं दिलाने की स्थिति मे उग्र आंदोलन करते हुए रेल रोको आंदोलन कर दिया गया है जहाँ आगे और तेज आंदोलन की रणनीति अपनाते हुए सड़क पर भी चक्का जाम और कोयला उतखन्न को प्रभावित करेंगे ग्रामीणों का कहना है की इसकी सूचना कम्पनी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को दी जा चूकि है इसलिए इसकी पूर्ण जवाबदारी एन. टी. पी. सी. प्रबंधन और शासन, प्रशासन की होगी।